शिमला: हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए मंगलवार को मतदान समाप्त हो गया, जहां कांग्रेस में पार-वोटिंग की आशंका के बीच, शासक दल के विधायक सुदर्शन बबलू ने अंतिम वोट डाला।
हिमाचल की राजनीतिक गलियारों में उत्साह
मतदान प्रक्रिया सुबह 9 बजे शुरू हुई थी, और सभी 68 सदस्यों ने अपना वोट डाला। हमीरपुर से स्वतंत्र विधायक आशीष ने सबसे पहले अपना वोट डाला।
मतदान के बाद, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु ने कहा कि विधायकों ने पार्टी की विचारधारा के अनुसार वोट दिया है।
कांग्रेस में पार-वोटिंग की आशंका ने इस मतदान को और भी दिलचस्प बना दिया था। सुदर्शन बबलू का अंतिम वोट इस बात का प्रतीक है कि पार्टी के भीतर कितनी मजबूती से एकजुटता बनाई गई है।
इस चुनावी प्रक्रिया ने हिमाचल प्रदेश की राजनीति में एक नए आयाम को जोड़ा है, जिसमें पार्टी विचारधारा और व्यक्तिगत विचारों के बीच का संतुलन सामने आया है।
मुख्यमंत्री के वक्तव्य ने इस बात की पुष्टि की कि पार्टी के विधायकों ने अपने नेतृत्व के प्रति वफादारी और पार्टी की मूल विचारधारा के अनुसार ही अपना वोट दिया है।
इस चुनावी प्रक्रिया के समापन ने हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक स्थिरता और मजबूती का संदेश दिया है। सभी पक्षों की निगाहें अब चुनाव परिणामों पर टिकी हुई हैं, जो कि आने वाले समय में राज्य की राजनीतिक दिशा तय करेंगे।
हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा की इस एकमात्र सीट के लिए मतदान का समापन न केवल एक राजनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा है, बल्कि यह राज्य की राजनीतिक और सामाजिक एकता का प्रतीक भी है।