शंभू बॉर्डर पर हाल ही में घटित उपद्रव के घटनाक्रम में, हरियाणा पुलिस ने एक नया और सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। दिल्ली कूच के दौरान बैरिकेट्स तोड़ने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले किसानों की पहचान करने की प्रक्रिया में, पुलिस ने कई आरोपियों की तस्वीरें मीडिया के साथ साझा की हैं।
किसान आंदोलन और पुलिस की प्रतिक्रिया
इस बार किसान आंदोलन के दौरान उपद्रव मचाने वाले युवा किसानों पर हरियाणा सरकार ने विशेष नजर रखी है। जो किसान शंभू बॉर्डर की ओर अग्रसर होते हुए या किसी भी प्रकार का उपद्रव मचाते हुए पाए गए हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। हरियाणा सरकार इस दिशा में ऐसे व्यक्तियों के पासपोर्ट और वीजा रद्द करने की तैयारी कर रही है।
बॉर्डर पर लगे बड़े-बड़े आईपीटीवी कैमरे और ड्रोन कैमरों के माध्यम से हरियाणा पुलिस ने हर एक चेहरे को कैद किया है। इन तस्वीरों को पासपोर्ट ऑफिस में भेजा जा रहा है ताकि उपद्रव मचाने वाले किसानों की पहचान सुनिश्चित की जा सके और उनके पासपोर्ट तथा वीजा रद्द किए जा सकें।
इस कार्रवाई के पीछे का उद्देश्य न केवल उपद्रव मचाने वाले व्यक्तियों की पहचान करना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। हरियाणा पुलिस द्वारा यह कदम अन्य व्यक्तियों के लिए एक सख्त संदेश के रूप में भी काम करेगा, जो आंदोलन के नाम पर हिंसा और उपद्रव फैलाने की सोच रखते हैं।
शंभू बॉर्डर पर घटित इस घटनाक्रम ने न केवल सुरक्षा एजेंसियों के सामने नई चुनौतियां पेश की हैं, बल्कि यह भी दर्शाता है कि किस तरह आधुनिक तकनीक का उपयोग करके लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को बनाए रखा जा सकता है। हरियाणा पुलिस की यह पहल निश्चित रूप से अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण पेश करेगी, जहां ऐसी ही चुनौतियां सामने आ रही हैं।