अलवर की गूंजती जेल की दीवारों में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। राजस्थान के अलवर सेंट्रल जेल में बंद एक पाकिस्तानी नागरिक ने अपने वतन वापसी की आस में अपना गला काटकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। यह घटना न केवल जेल प्रशासन के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक चिंताजनक विषय बन गई है।
अलवर जेल की कहानी
इस विषय पर जानकारी देते हुए, सूत्रों ने बताया कि अलवर सेंट्रल जेल में बंद यह पाकिस्तानी नागरिक काफी समय से अपने घर वापस जाने की राह देख रहा था। उसकी इस बेचैनी ने उसे एक ऐसा कदम उठाने के लिए प्रेरित किया, जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी।
जेल की चार दीवारों के बीच, अकेलेपन और निराशा की इस घड़ी में, अमीद खान नामक इस पाकिस्तानी नागरिक ने अपना गला काट लिया। वह बलूचिस्तान का रहने वाला है और 2012 से अलवर की जेल में बंद है। इस घटना के बाद, जेल प्रशासन और पुलिस तुरंत हरकत में आई।
घटनास्थल पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने तुरंत अमीद को अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में पहुंचाया, जहां उसके गले का ऑपरेशन किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि अमीद अब खतरे से बाहर है।
इस घटना के बाद, पुलिस ने डिटेंशन सेंटर में बंद अन्य विदेशी नागरिकों और ड्यूटी पर तैनात गार्डों से पूछताछ की योजना बनाई है। इस प्रकार, यह घटना न केवल अलवर जेल में बंद विदेशी नागरिकों के लिए बल्कि समूचे जेल प्रशासन के लिए एक गंभीर संदेश है।
अमीद की इस दुखद घटना ने समाज में एक बहस को जन्म दिया है। यह घटना हमें जेल में बंद व्यक्तियों की मानसिक स्थिति और उनके अधिकारों पर पुनर्विचार करने का एक मौका देती है। इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि जेल में बंद व्यक्तियों के प्रति समाज की संवेदनशीलता और सहानुभूति की कितनी आवश्यकता है।