भारतीय जनता पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है, और इसी कड़ी में अपने उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी है। इस बार, पार्टी ने कुछ सीटों पर नए चेहरों पर विश्वास जताया है, जिसमें राजस्थान के जलौर-सिरोही सीट से लुंबाराम चौधरी का नाम सबसे ऊपर है।
मोदी के नाम पर सब साथ
इस निर्णय ने कई लोगों को चौंका दिया है क्योंकि पार्टी ने तीन बार के सांसद देवजी पटेल को छोड़कर चौधरी को चुना है। लुंबाराम चौधरी, जो सिरोही जिले के वाड़ेली गांव से हैं, पूर्व में भाजपा जिलाध्यक्ष और पंचायत समिति के प्रधान भी रह चुके हैं।
चौधरी के नामांकन से यह संकेत मिलता है कि भाजपा नए चेहरों पर भरोसा करके एक नई राजनीतिक रणनीति अपना रही है। इस फैसले के पीछे का उद्देश्य यह भी हो सकता है कि पार्टी जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को महत्व देना चाहती है, जो संगठन के लिए निरंतर योगदान दे रहे हैं।
लुंबाराम चौधरी का राजनीतिक सफर केवल राजनीतिक पदों तक सीमित नहीं है; वे खेती-किसानी और एलआईसी अभिकर्ता के रूप में भी अपनी पहचान बना चुके हैं। इस तरह, वे जमीनी स्तर की समस्याओं से परिचित हैं और जनता के बीच अपनी एक अच्छी छवि बनाए हुए हैं।
चुनावी रणनीति के तहत, भाजपा ने इस बार उन सीटों पर भी ध्यान केंद्रित किया है, जहां पहले उनकी पकड़ कमजोर थी। लुंबाराम चौधरी को टिकट देना इसी दिशा में एक कदम है। पार्टी की यह रणनीति नए और पुराने वोटर्स को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए है।
लुंबाराम चौधरी के टिकट मिलने के बाद, उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, “मोदी के नाम पर सब साथ हैं।” उनका यह बयान न केवल उनके नेतृत्व में विश्वास को दर्शाता है बल्कि यह भी बताता है कि वे नरेंद्र मोदी की नीतियों और दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस चुनावी मौसम में, लुंबाराम चौधरी का उदय न सिर्फ उनके लिए बल्कि भाजपा के लिए भी नई उम्मीदें और संभावनाएं लेकर आया है। अब देखना यह है कि चुनावी नतीजे क्या कहानी बयान करते हैं और लुंबाराम चौधरी जनता के विश्वास पर किस हद तक खरे उतरते हैं।