कौशांबी जिले की एक दिल दहला देने वाली घटना ने इंसानियत के चेहरे पर कालिख पोत दी है। एक बेटे द्वारा अपनी 80 वर्षीय बीमार मां को बेदर्दी से पीटे जाने की खबर ने समाज में एक बड़े सवाल को जन्म दिया है। क्या यही हैं हमारे संस्कार? क्या यही है वो प्यार और सम्मान जो हम अपने बुजुर्गों के प्रति रखते हैं?
कौशांबी की शर्मनाक घटना
इस भयावह घटना का मंचन कौशांबी जिले के चरवा थाना क्षेत्र के बेरुआ गांव में हुआ। वृद्धा चन्द्रा, जो अपनी बीमारी के चलते पूर्णतः असहाय थीं, ने अनजाने में अपने कपड़ों को खराब कर दिया। इस बात पर उनके बेटे सोनू सिंह ठाकुर का गुस्सा इतना बढ़ गया कि उसने अपनी माँ को लाठी, डंडे और लात-घूंसों से मारा।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिससे लोगों में रोष व्याप्त हो गया। जहां एक ओर समाज में बुजुर्गों के प्रति सम्मान की बात की जाती है, वहीं इस तरह की घटनाएँ हमें आत्ममंथन के लिए मजबूर करती हैं।
पुलिस ने इस मामले में संज्ञान लिया है और जांच शुरू कर दी है। समाज के हर वर्ग से लोग इस घटना की निंदा कर रहे हैं और दोषी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
एक समाज के रूप में हमारी जिम्मेदारी
इस घटना ने एक बार फिर हमारे समाज के मूल्यों पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। यह समय है जब हमें अपने बुजुर्गों के प्रति अपने व्यवहार और सम्मान को पुनः परिभाषित करने की आवश्यकता है।
इस तरह की घटनाएँ हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या हम वास्तव में एक प्रगतिशील समाज के निर्माण में लगे हैं या हमारी मानवता कहीं खो सी गई है। आइए, हम सभी मिलकर ऐसे समाज की रचना करें जहाँ हर व्यक्ति, चाहे वो कितना ही बुजुर्ग क्यों न हो, सम्मान और देखभाल का हकदार हो।