नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की कि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अब तीन प्रतिबंधित जम्मू और कश्मीर-आधारित समूहों के खिलाफ उन्मूलन अधिनियम (UAPA) के तहत कार्रवाई कर सकेंगे।
इन तीन समूहों को मुस्लिम कांफ्रेंस जम्मू और कश्मीर (सुमजी गुट), मुस्लिम कांफ्रेंस जम्मू और कश्मीर (भट गुट) और जमात-ए-इस्लामी, जम्मू और कश्मीर के रूप में पहचाना गया है।
राज्यों को मिली अधिकारिता
गृह मंत्रालय ने तीन समान सूचनाएं जारी करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने निर्देश दिया है कि अवैध गतिविधियों (निवारण) अधिनियम (UAPA), 1967 की धारा 7 और धारा 8 के तहत यह सभी शक्तियां अब राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा इन तीन अवैध संघों के संबंध में प्रयोग की जाएंगी।
इस कदम को आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण प्रगति के रूप में देखा जा रहा है। यह निर्णय राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को अधिक स्वायत्तता प्रदान करता है ताकि वे स्थानीय स्तर पर आतंकवादी गतिविधियों का मुकाबला कर सकें।
यह निर्देश उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो आतंकवादी गतिविधियों से सीधे प्रभावित होते हैं। इससे उन्हें अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी रूप से कार्रवाई करने में सहायता मिलेगी।
अंततः, इस निर्णय का उद्देश्य भारत को आतंकवाद से मुक्त बनाना है। यह उम्मीद की जाती है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दी गई यह नई अधिकारिता उन्हें अपने क्षेत्रों में आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ और अधिक प्रभावी तरीके से लड़ने में सक्षम बनाएगी।