राजस्थान में पेट्रोल पंप संचालकों ने बड़े पैमाने पर हड़ताल की घोषणा कर दी है, जिसके चलते अगले दो दिनों तक पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति प्रभावित रहने की संभावना है। इस हड़ताल की मुख्य वजह सरकार द्वारा वैट में कमी और डीलर्स के कमीशन में बढ़ोतरी की मांगों को नजरअंदाज करना बताया जा रहा है।
राजस्थान में पेट्रोल पंप हड़ताल के पीछे का कारण
संचालकों की मांग है कि वैट में कटौती और डीलर्स के कमीशन में वृद्धि से उनके व्यापार में सुधार होगा। इस बात को लेकर वे काफी समय से आवाज उठा रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों पर कोई भी सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है।
राजस्थान पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष, राजेंद्र सिंह ने खुलासा किया कि प्रधानमंत्री द्वारा वैट कम करने की प्रतिबद्धता जताई गई थी, परन्तु इस पर अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि राजस्थान में पेट्रोल और डीजल के दाम आस-पास के राज्यों की तुलना में काफी अधिक हैं, जिससे संचालकों और ग्राहकों दोनों को ही परेशानी हो रही है।
आगामी हड़ताल का असर
संचालकों ने निर्णय लिया है कि 10 मार्च की सुबह से लेकर 12 मार्च की सुबह तक पेट्रोल पंपों को बंद रखा जाएगा। इसके अलावा, 11 मार्च को सचिवालय का घेराव भी किया जाएगा। इस हड़ताल से राजस्थान में पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति पर गहरा असर पड़ने की आशंका है।
इस पूरे प्रकरण से राजस्थान के नागरिकों को काफी असुविधा हो सकती है, खासकर उनके लिए जिनके दैनिक जीवन में वाहनों का उपयोग महत्वपूर्ण है। अगर इस हड़ताल के दौरान सरकार और संचालकों के बीच कोई समझौता नहीं होता है, तो यह स्थिति और भी गंभीर रूप ले सकती है।