भारतीय चुनाव आयोग ने एक बार फिर लोकतंत्र के महापर्व, लोकसभा चुनाव की घोषणा कर दी है। शनिवार, 16 मार्च को आयोजित एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त, राजीव कुमार ने इस घोषणा को सभी के साथ साझा किया। उन्होंने इस अवसर पर न केवल चुनाव की तारीखों की घोषणा की, बल्कि देश में मतदाताओं के आंकड़ों और इस बार के चुनाव की विशेषताओं पर भी प्रकाश डाला।
चुनावी शेड्यूल का आगाज
चुनाव आयोग के अनुसार, इस वर्ष लोकसभा चुनाव 543 सीटों पर 7 चरणों में संपन्न होगा। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को और अंतिम चरण का मतदान 1 जून को निर्धारित किया गया है, जिसके परिणाम 4 जून को सामने आएंगे। इस प्रक्रिया में कुल 46 दिनों का समय लगेगा।
सुरक्षा और सावधानी
मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनावी प्रक्रिया की सुरक्षा पर विशेष जोर दिया। उन्होंने बताया कि चुनाव के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएंगे ताकि मतदान स्थल पर कोई अवांछित घटना न घटे।
कविता के माध्यम से नसीहत
राजीव कुमार ने शायरी के जरिए पार्टियों को अनूठी नसीहत दी। बशीर बद्र के शेर का उपयोग करते हुए उन्होंने कहा, “दुश्मनी जमकर करो, लेकिन गुंजाइश रहे…” इसके माध्यम से उन्होंने संदेश दिया कि चुनावी प्रतिस्पर्धा में तीव्रता हो, परन्तु सीमाओं के भीतर।
EVM पर उठाए गए सवालों का जवाब
EVM की विश्वसनीयता पर उठाए गए प्रश्नों का उत्तर देते हुए, मुख्य चुनाव आयुक्त ने फिर शायरी का सहारा लिया। उन्होंने कहा, “वफ़ा खुद से नहीं होती, ख़ता ईवीएम की कहते हो।” इसके माध्यम से उन्होंने EVM के प्रति विश्वास और सुरक्षा की गारंटी देने का प्रयास किया।
इस प्रकार, चुनाव आयोग ने न सिर्फ लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की, बल्कि एक स्वस्थ और सुरक्षित चुनावी माहौल बनाने की दिशा में भी अहम कदम उठाए। आयोग की यह नसीहत और संदेश सभी पार्टियों और मतदाताओं के लिए एक गहरा संदेश देता है, जिसमें लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के प्रति सम्मान और ईमानदारी की भावना को बढ़ावा दिया गया है।