झारखंड में हाल ही में आयोजित जेपीएससी 11वीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा को लेकर विवादों का माहौल गर्म है। परीक्षार्थियों ने इस परीक्षा के पेपर लीक होने के गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे पूरी परीक्षा प्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है।
पेपर लीक के आरोप की जड़ें
परीक्षार्थियों का कहना है कि परीक्षा के दौरान उन्हें ऐसे प्रश्न पत्र दिए गए, जिनकी सील पहले से खुली हुई थी। इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह है कि कुछ प्रश्न पत्रों पर सील ही नहीं थी। इस तरह के मामलों में, प्रश्न पत्रों को परीक्षार्थियों के सामने नहीं, बल्कि कार्यालय में ही खोल दिया गया था, जो कि प्रक्रिया के विपरीत है।
विवाद का भौगोलिक विस्तार
झारखंड के चतरा, जामताड़ा, और धनबाद जैसे जनपदों में, इस परीक्षा के दौरान जोरदार हंगामा देखने को मिला। परीक्षार्थियों ने 11वीं जेपीएससी परीक्षा के पेपर लीक होने का आरोप लगाते हुए अपनी आवाज बुलंद की। इस घटना ने परीक्षा की साख और निष्पक्षता पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया और अगले कदम
जेपीएससी, यानी झारखंड कर्मचारी चयन आयोग, ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। आयोग का कहना है कि वे पूरे मामले की जांच करेंगे और दोषियों को कड़ी सजा देने के साथ-साथ पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के उपाय करेंगे।
समाधान की ओर
इस तरह के आरोपों ने न केवल झारखंड की परीक्षा प्रणाली पर, बल्कि पूरे देश में परीक्षा की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं। ऐसे में, यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि सभी संबंधित पक्ष इस मुद्दे का समाधान ढूंढने में सक्रिय रूप से भाग लें। इससे न केवल वर्तमान परीक्षा विवाद का समाधान होगा, बल्कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने में मदद मिलेगी।