दिल्ली के प्रतिष्ठित अंबेडकर मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रही एक 22 वर्षीय MBBS छात्रा ने अपने एक प्रोफेसर पर गंभीर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। छात्रा का कहना है कि वाइवा एग्जाम के दौरान यह घटना घटित हुई, जिसमें प्रोफेसर ने उन्हें अनुचित रूप से छुआ और उनसे असंबंधित सवाल पूछे।
आरोपों का विवरण
पीड़िता के अनुसार, घटना 31 जनवरी को प्रैक्टिकल एग्जाम के दौरान हुई। उन्हें फार्माकोलॉजी विभाग के एक असिस्टेंट प्रोफेसर के सामने वाइवा देना था। आम तौर पर, वाइवा के दौरान छात्र को प्रोफेसर के सामने बैठना पड़ता है, लेकिन आरोपी प्रोफेसर ने अपनी कुर्सी छात्रा के बेहद नजदीक ले आई और उनसे व्यक्तिगत सवाल पूछने लगे।
सामाजिक प्रतिक्रिया और आंदोलन
इस घटना के सामने आने के बाद, कई सामाजिक संगठनों ने इसकी निंदा की और अंबेडकर मेडिकल कॉलेज के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी है और छात्र समुदाय से इस मामले की तह तक जाने की मांग की है।
छात्रा की मांग और न्यायिक प्रक्रिया
पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और अब न्याय की मांग कर रही है। उन्होंने अपने प्रैक्टिल एग्जाम के दौरान हुए अनुभव को विस्तार से बताया और इसे एक दर्दनाक घटना बताया। अब समाज और शिक्षण संस्थान के सामने यह सवाल है कि वे इस तरह के मामलों से कैसे निपटेंगे और छात्रों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करेंगे।
सुरक्षा और शिक्षा के बीच संतुलन
इस घटना ने शिक्षण संस्थानों में छात्रों की सुरक्षा के मुद्दे को फिर से उजागर किया है। छात्रा और समाज की मांग है कि शिक्षण संस्थान सुरक्षा उपायों को मजबूत करें और ऐसी घटनाओं के लिए सख्त कार्रवाई करें। सवाल उठता है कि शैक्षिक परिसरों में छात्रों की सुरक्षा और सम्मान कैसे सुनिश्चित की जा सकती है।
आगे की राह
इस घटना ने न केवल शैक्षिक संस्थानों में छात्रों के सुरक्षा मानकों की समीक्षा की मांग की है, बल्कि यह भी दिखाया है कि समाज को ऐसी घटनाओं के प्रति अधिक सजग और संवेदनशील होने की आवश्यकता है। न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से छात्रा को न्याय मिलने की उम्मीद है, और यह घटना अन्य शैक्षिक संस्थानों के लिए एक सबक के रूप में काम कर सकती है।