नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की लालगंज लोकसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सांसद सांगीता आजाद सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गईं। इस घटना के साक्षी कई वरिष्ठ नेता बने। इस कदम के साथ, आजाद ने अपने राजनीतिक सफर में एक नया मोड़ लिया।
सांगीता आजाद
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावडे, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और राज्य भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह की उपस्थिति में दलित नेता सांगीता आजाद को भाजपा में शामिल किया गया। उनके साथ ही, उनके पति आजाद आरी मर्दन, जो उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक हैं, और सुप्रीम कोर्ट की वकील सीमा कुशवाहा भी भाजपा में शामिल हुईं। कुशवाहा महिला पीड़ितों से जुड़े कानूनी मामलों में सक्रिय रही हैं।
नयी शुरुआत
सांगीता आजाद का भाजपा में शामिल होना, उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना जा रहा है। इसे राज्य में भाजपा की मजबूती और विस्तार की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है। आजाद की इस नई राजनीतिक यात्रा से उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं।
एकजुटता की मिसाल
सांगीता आजाद के साथ उनके पति और सीमा कुशवाहा का भी भाजपा में शामिल होना, दिखाता है कि वे अपनी राजनीतिक और सामाजिक संकल्पना में एकजुट हैं। इस एकजुटता से उत्तर प्रदेश की राजनीति में नई ऊर्जा का संचार होने की उम्मीद है।
नई दिशाएँ
उत्तर प्रदेश की राजनीति में सांगीता आजाद का यह कदम नई दिशाओं की ओर इशारा करता है। उनके इस निर्णय से अन्य राजनीतिक दलों को भी अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता हो सकती है। आजाद का यह कदम भाजपा के लिए एक मजबूत समर्थन के रूप में देखा जा रहा है।