नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि 1975 में लगाए गए आपातकाल ने उन्हें राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया था।
गडकरी ने यह बात रामनाथ गोएंका पत्रकारिता पुरस्कार समारोह में कही, उन्होंने बताया कि आपातकाल के विरोध में दो साल तक देश ने जो संघर्ष किया, वह उन्हें कभी नहीं भूल सकते।
आपातकाल: एक यादगार संघर्ष
उन्होंने आगे कहा कि इस संघर्ष के दौरान उनके परिवार के कई सदस्यों को भी जेल भेजा गया था। नितिन गडकरी ने इस अवसर पर भारतीय एक्सप्रेस समाचार पत्र के संस्थापक रामनाथ गोएंका की भी प्रशंसा की, जिन्होंने आपातकाल का विरोध करने के लिए भारी कीमत चुकाई थी।
गडकरी ने याद किया कि आपातकाल के खिलाफ उनका और उनके साथियों का संघर्ष किस तरह का था। उन्होंने कहा, “हमने आजादी के लिए संघर्ष किया, ठीक उसी तरह जैसे हमारे पूर्वजों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ किया था।”
उन्होंने बताया कि आपातकाल के दौरान लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने के लिए जो संघर्ष किया गया, वह आज भी उनके लिए प्रेरणा का स्रोत है। गडकरी ने कहा, “आपातकाल का समय हमें सिखाता है कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमें सतत प्रयास करने होंगे।”
इस प्रकार, नितिन गडकरी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत और आपातकाल के विरोध में उनके संघर्ष की कहानी को साझा किया। उनका मानना है कि आपातकाल ने उन्हें न केवल राजनीति में आने की प्रेरणा दी, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों की महत्ता को समझने का अवसर भी प्रदान किया।