थिम्पू: भारत और भूटान ने शुक्रवार को यह सहमति जताई कि स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में उनकी द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूती प्रदान करने के लिए “अभूतपूर्व अवसर” उपलब्ध हैं। इसमें नई ऊर्जा परियोजनाओं के विकास और बिजली के व्यापार को शामिल किया गया है।
ऊर्जा साझेदारी का नया विजन
इस अवसर पर जारी एक ‘भारत-भूटान ऊर्जा साझेदारी पर संयुक्त विजन स्टेटमेंट’ में इसे विस्तार से बताया गया। यह घोषणा उस दिन की गई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमालयी राष्ट्र की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर पहुँचे।
“भारत और भूटान एक आदर्श द्विपक्षीय संबंध साझा करते हैं जो विश्वास, सद्भावना और सभी स्तरों पर आपसी समझ, मजबूत दोस्ती के बंधन और निकट जन-जन के संपर्कों से परिचालित होता है,” इसमें कहा गया।
इस साझेदारी का उद्देश्य न केवल दोनों देशों के बीच ऊर्जा सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाना है, बल्कि इसके माध्यम से पर्यावरण के अनुकूल और सतत विकास को भी बढ़ावा देना है। इस पहल से न केवल ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार की नई संभावनाएं खुलेंगी, बल्कि यह आर्थिक विकास में भी योगदान देगी।
स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में साझा कदम
इस विजन स्टेटमेंट के माध्यम से, दोनों देशों ने स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों के विकास के लिए एक संयुक्त रणनीति पर सहमति जताई है। इसका मुख्य उद्देश्य पारंपरिक ईंधन पर निर्भरता को कम करना और अक्षय ऊर्जा के स्रोतों को बढ़ावा देना है।
भूटान की प्राकृतिक संपदा और जलविद्युत क्षमता का लाभ उठाते हुए, भारत ने इस छोटे हिमालयी राज्य के साथ ऊर्जा क्षेत्र में अपने सहयोग को और अधिक मजबूती प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई है। यह साझेदारी न केवल भारत के लिए अक्षय ऊर्जा के स्रोतों को विकसित करने में मदद करेगी, बल्कि भूटान के सतत विकास के लक्ष्यों को भी सहारा देगी।
इस भागीदारी के तहत, दोनों देशों ने बिजली के व्यापार, ऊर्जा की दक्षता, और नवीकरणीय ऊर्जा के तकनीकी आदान-प्रदान में सहयोग को और गहरा करने का लक्ष्य रखा है। इस संदर्भ में, भारत ने भूटान को तकनीकी, वित्तीय, और प्रशिक्षण सहायता प्रदान करने के लिए अपनी तत्परता जताई है।
भविष्य की ओर एक साझा यात्रा
यह संयुक्त पहल न केवल दोनों देशों के बीच की ऊर्जा साझेदारी को नई दिशा प्रदान करेगी, बल्कि इससे क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता में भी बड़ा योगदान देगी। इस सहयोग से एक सुस्थापित ऊर्जा विनिमय तंत्र का निर्माण होगा, जिससे दोनों देशों की ऊर्जा आवश्यकताओं को अधिक कुशलतापूर्वक पूरा किया जा सकेगा। यह भारत और भूटान के बीच की मजबूत साझेदारी को और भी दृढ़ करेगा, साथ ही यह दोनों राष्ट्रों के लिए एक सतत और हरित भविष्य की ओर एक साझा कदम होगा।
इस विजन स्टेटमेंट के माध्यम से, भारत और भूटान ने न केवल अपनी वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और हरित वातावरण की दिशा में प्रतिबद्धता जताई है, बल्कि इसने दुनिया को यह भी दिखाया है कि सतत विकास और पारिस्थितिक संरक्षण की दिशा में आपसी सहयोग कितना महत्वपूर्ण है।
इस साझेदारी के माध्यम से, दोनों देश अंतरराष्ट्रीय मंच पर अक्षय ऊर्जा और स्थिरता के प्रति अपनी साझा प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने के लिए एक मिसाल कायम कर रहे हैं। इस सहयोग से न केवल उनके बीच के संबंध मजबूत होंगे, बल्कि यह अन्य देशों के लिए भी एक प्रेरणा स्रोत बनेगा।
भारत-भूटान: स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी की नई ऊँचाइयाँ
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