संगरूर जिले में जहरीली शराब के कारण हो रही मौतों की संख्या में वृद्धि के बाद, पंजाब पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। इस कदम को इस घातक रैकेट की जड़ तक पहुँचने और इसे पूरी तरह से समाप्त करने के एक दृढ़ प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
संगरूर में जहरीली शराब की जांच
एसआईटी का गठन ऐसे समय में किया गया है जब जिले में जहरीली शराब के सेवन से मृत्यु की संख्या 21 तक पहुँच गई है। यह टीम पूरी तरह से इस घटना के पीछे के कारणों और इसमें शामिल लोगों की पहचान करने में लगी हुई है। एसआईटी की अगुवाई एडीजीपी गुरिंदर सिंह ढिल्लों कर रहे हैं, जिनका साथ डीआईजी पटियाला रेंज हरचरण सिंह भुल्लर, एसएसपी संगरूर सरताज चहल और अतिरिक्त आयुक्त (आबकारी) नरेश दुबे दे रहे हैं।
संगरूर जिला पुलिस पहले ही नकली शराब बेचने के आरोप में आठ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इन आरोपियों के पास से बड़ी मात्रा में नकली शराब और इसके निर्माण में इस्तेमाल होने वाले सामान जब्त किए गए हैं। इस बरामदगी ने नकली शराब बनाने औने और बेचने के व्यापक नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जो न केवल संगरूर बल्कि पूरे पंजाब में फैला हुआ है। इस घटना ने समाज में गहरी चिंता और आक्रोश पैदा कर दिया है, और लोगों में सुरक्षा के प्रति भरोसा जगाने की चुनौती को और भी बढ़ा दिया है।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से कुछ की पहचान सोमा कौर, राहुल उर्फ संजू, और प्रदीप सिंह उर्फ बाबी के रूप में हुई है, जो सभी स्थानीय निवासी हैं। इन आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए, पुलिस ने इस मामले की जांच को और अधिक गहराई में ले जाने का संकल्प लिया है।
इस घटना के प्रकाश में, पंजाब सरकार और पुलिस विभाग ने नकली शराब के विरुद्ध अपनी लड़ाई को और भी मजबूती प्रदान करने का फैसला किया है। इसमें नकली शराब बनाने वाले कारखानों की पहचान और उन्हें बंद करना, इसके वितरण नेटवर्क को ध्वस्त करना, और इसके उपभोक्ताओं को जागरूक करने के उपाय शामिल हैं।
इस मामले ने नकली शराब के खतरों के प्रति आम जनता को और अधिक सचेत किया है, और लोगों से अपील की गई है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना पुलिस को दें। सरकार और पुलिस दोनों ही इस बात पर जोर दे रहे हैं कि नागरिकों का सहयोग और सतर्कता इस तरह के अपराधों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका
निभा सकती है। नागरिकों की जागरूकता और उनके सक्रिय योगदान से ही ऐसे अवैध व्यापार पर प्रभावी ढंग से अंकुश लग सकता है।
संगरूर जिले में उजागर हुए इस नकली शराब कांड ने समाज में एक गहरी चेतना और आत्म-परीक्षण की आवश्यकता को भी सामने लाया है। यह घटना समाज के हर वर्ग को इस बात के लिए प्रेरित करती है कि वे अपने आस-पास की गतिविधियों के प्रति सजग रहें और किसी भी अवैध व्यापार या गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
पंजाब पुलिस द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) की प्रगति और कार्रवाई के नतीजे समाज में व्याप्त इस समस्या के समाधान में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे। इस जांच के माध्यम से न केवल इस अपराध जाल के मुख्य कारकों का पता चलेगा, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी कदम भी उठाए जा सकेंगे।
समाज के प्रत्येक सदस्य से अपेक्षा की जाती है कि वे इस लड़ाई में सरकार और पुलिस का साथ दें। आम जनता की सतर्कता और सहयोग ही इस तरह की घटनाओं को रोकने में सबसे महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकती है। इसके अलावा, जनता को यह भी समझना चाहिए कि अवैध शराब का सेवन न केवल उनके स्वास्थ्य के लिए घातक है, बल्कि यह समाज के लिए भी एक बड़ा खतरा है।