नई दिल्ली: दिल्ली के बीजेपी नेताओं ने शनिवार को राजघाट के पास एक प्रदर्शन आयोजित किया। उन्होंने अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की मांग की, जो वर्तमान में ईडी हिरासत में हैं, और आरोप लगाया कि आप पार्टी “पीड़ित कार्ड” खेलकर स्वयं को निर्दोष साबित करने की कोशिश कर रही है।
यह मांग उस समय आई जब गुरुवार रात को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया।
बीजेपी का भ्रष्टाचार के खिलाफ संकल्प
शनिवार को बीजेपी के नेताओं ने राजघाट पर महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की और भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष की प्रतिज्ञा ली। इस अवसर पर “रघुपति राघव राजा राम” का गान भी गाया गया।
प्रदर्शन करते हुए, बीजेपी नेताओं ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी (आप) ने आबकारी नीति में ‘घोटाले’ के माध्यम से राज्य को आर्थिक नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने इसे अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आप सरकार की भ्रष्टाचार की एक स्पष्ट मिसाल बताया।
बीजेपी नेताओं का कहना है कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लडड़ाई जारी रखेंगे और दिल्ली के लोगों को आम आदमी पार्टी की कथित अनियमितताओं से अवगत कराएंगे। उनका आरोप है कि आप सरकार ने आबकारी नीति के माध्यम से निजी हितों को लाभ पहुंचाया है, जो कि जनहित के खिलाफ है।
इस घटना के जवाब में, आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता ने बीजेपी पर राजनीतिक लाभ के लिए झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आप सरकार ने हमेशा पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ काम किया है और ईडी की जांच में उनकी निर्दोषता साबित होगी।
इस बीच, दिल्ली के नागरिकों में इस मुद्दे को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कुछ लोग बीजेपी के प्रदर्शन का समर्थन करते हुए कहते हैं कि सरकार को अपने कामों में पारदर्शिता बरतनी चाहिए, जबकि अन्य आप के समर्थन में खड़े हैं, यह कहते हुए कि उन्हें अपने चुने हुए प्रतिनिधियों पर पूरा भरोसा है।
राजघाट पर आयोजित प्रदर्शन के दौरान, बीजेपी नेताओं ने न केवल भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने संघर्ष को रेखांकित किया, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि दिल्ली के लोग इस विषय पर उनका संदेश सुनें। उन्होंने जोर देकर कहा कि भ्रष्टाचार का किसी भी स्तर पर कोई स्थान नहीं होना चाहिए और सरकारी नीतियों का लाभ उठाने वाले हर व्यक्ति को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
बीजेपी के इस कदम को कुछ विश्लेषकों द्वारा आगामी चुनावों के लिए एक रणनीतिक चाल के रूप में देखा जा रहा है। वे मानते हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और ईमानदारी के मुद्दे को उजागर करके, बीजेपी जनता के बीच अपनी साख मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
समाज के विभिन्न वर्गों से आवाजें उठ रही हैं, जो इस घटना को लेकर गहन चिंतन और पारदर्शी जांच की मांग कर रहे हैं। लोग चाहते हैं कि सरकारी नीतियाँ और प्रक्रियाएँ ऐसी हों जो भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह न छोड़ें और जनता के हित में काम करें।
इस घटनाक्रम ने दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है, जहां दोनों पक्ष अपने-अपने तर्कों के साथ जनता के समक्ष आ रहे हैं। बीजेपी और आप के बीच यह मुद्दा न केवल राजनीतिक विवाद का कारण बना है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई किस प्रकार भारतीय राजनीति के केंद्र में आ गई है।