रामकृष्ण मिशन के शीर्ष नेतृत्व का चेहरा, स्वामी स्मरणानंदजी महाराज, अब हमारे बीच नहीं रहे। इस मंगलवार को 95 वर्षीय स्वामीजी ने अपनी अंतिम सांस ली, जिसके साथ ही आध्यात्मिक जगत में एक युग का अंत हो गया।
एक लंबी यात्रा का समापन
स्वामी स्मरणानंदजी, जिन्होंने 2017 में रामकृष्ण मिशन के 16वें अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला था, लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की खबर ने आरके मिशन समुदाय और उनके अनुयायियों को गहरे शोक में डुबो दिया।
आरके मिशन का शोक
“रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के परम पूज्य अध्यक्ष स्वामी स्मरणानंदजी महाराज ने मंगलवार रात 8.14 बजे महासमाधि ले ली,” आरके मिशन ने एक भावुक बयान में कहा। उनके जीवन और कार्यों ने अनगिनत लोगों को प्रेरित किया और उनके निधन ने एक अपूरणीय शून्य छोड़ दिया है।
स्वामीजी की अंतिम दिन
29 जनवरी को स्वामीजी की तबियत गंभीर रूप से बिगड़ने पर उन्हें रामकृष्ण मिशन सेवा प्रतिष्ठान में भर्ती कराया गया था। सांस की समस्या के कारण उन्हें 3 मार्च को वेंटिलेटर पर रखा गया था, जिसके बाद उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। उनके निधन ने न सिर्फ उनके निकटतम अनुयायियों को बल्कि दूर-दराज के श्रद्धालुओं को भी गहरे दुख में डुबो दिया।
प्रधानमंत्री मोदी की श्रद्धांजलि
इस दुखद घड़ी में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वामी स्मरणानंदजी के निधन पर शोक व्यक्त किया। “स्वामी स्मरणानंदजी ने अनगिनत दिलों पर अमिट छाप छोड़ी है,” प्रधानमंत्री ने कहा, उनके आध्यात्मिक मार्गदर्शन और समाज के प्रति किए गए योगदान की सराहना करते हुए।
स्वामीजी का विशाल योगदान
स्वामी स्मरणानंदजी के निधन के साथ ही एक ऐसे आध्यात्मिक गुरु की कहानी समाप्त हो गई, जिन्होंने अपने जीवन को मानवता की सेवा में समर्पित कर दिया था। वे न सिर्फ एक आध्यात्मिक नेता थे बल्कि एक समाज सुधारक भी थे जिनके कार्यों ने समाज के हर वर्ग को छुआ।
एक यादगार विदाई
स्वामी स्मरणानंदजी के जीवन और उनके अद्वितीय योगदान को याद करते हुए, आरके मिशन समुदाय और उनके अनुयायी इस समय शोक में हैं। उनकी विरासत, उनके शिक्षाओं में जीवंत रहेगी और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।
स्वामी स्मरणानंदजी का जाना न केवल एक व्यक्ति का निधन है बल्कि एक आध्यात्मिक ज्योति का अस्त होना है, जिसने अपनी उपस्थिति से अनेकों को मार्गदर्शन और प्रेरणा प्रदान की। उनकी शिक्षाएँ और उनके द्वारा किया गया कार्य, भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक मिसाल के तौर पर रहेगा।
अनुयायियों का शोक और संदेश
अनुयायियों ने स्वामीजी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर उनके योगदान और उनकी आध्यात्मिकता की कहानियाँ साझा की जा रही हैं। उनके जीवन के अनेक प्रसंग ऐसे हैं, जो लोगों को आध्यात्मिक मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।
आध्यात्मिक जगत की ओर से आदरांजलि
आध्यात्मिक जगत के अन्य गुरुओं और संस्थाओं ने भी स्वामी स्मरणानंदजी के निधन पर अपनी गहरी संवेदनाएँ और श्रद्धांजलि प्रेषित की है। उनके योगदान को सराहते हुए, इसे आध्यात्मिक जगत के लिए एक बड़ी हानि बताया गया है।
अमर विरासत
स्वामी स्मरणानंदजी के निधन के साथ ही उनकी आध्यात्मिक विरासत और उनके द्वारा दिखाया गया मार्ग, हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा। उनकी शिक्षाएँ, उनके विचार, और उनके जीवन से जुड़ी प्रेरक घटनाएँ अमर रहेंगी। उन्होंने जो आध्यात्मिक ज्ञान और समाज सेवा का मार्ग दिखाया, वह आने वाले कई वर्षों तक लोगों को प्रेरित करता रहेगा।
विदाई स्वामी स्मरणानंद: आध्यात्मिक जगत का एक युग समाप्त
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