गांधीनगर: लोक सभा चुनावों के मद्देनजर, गुजरात भर से सरकारी और निजी संपत्तियों पर लगाए गए लगभग 2.20 लाख अवैध पोस्टर और बैनर हटाए गए हैं, चुनाव अधिकारियों ने बुधवार को बताया।
चुनावी प्रभाव और प्रलोभन
चुनाव प्राधिकरणों ने 42.62 करोड़ रुपये मूल्य की सामग्री जब्त की है, जिसमें 11.44 करोड़ रुपये नकद, 18.48 करोड़ रुपये का सोना और चांदी, और 52.26 किलोग्राम हशीश शामिल है, जिसका मूल्य 14 लाख रुपये है, जिन्हें मतदाताओं को प्रलोभन देने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता था।
गुजरात, जिसमें 26 लोक सभा सीटें हैं, 7 मई को एकल चरण में मतदान करेगा। यह चुनावी पहल न केवल अवैध प्रचार सामग्री को हटाने में, बल्कि चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण है।
चुनाव आयोग की यह कार्रवाई न केवल स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह यह भी संकेत देती है कि चुनावी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनियमितता या अवैध क्रियाकलापों की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इस पहल के माध्यम से, चुनाव आयोग ने यह भी संदेश दिया है कि वह चुनावी प्रक्रिया के दौरान किसी भी तरह के प्रलोभन यो या अवैध प्रचार के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने को तैयार है। इस तरह की कार्रवाइयों के माध्यम से, चुनाव आयोग ने मतदान प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने का संकल्प लिया है।
इस प्रकार के प्रयासों का मुख्य उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया में मतदाताओं के विश्वास को मजबूत करना और चुनावों के दौरान स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है। इसके अलावा, चुनाव आयोग द्वारा जब्त की गई सामग्री से यह भी पता चलता है कि चुनावी प्रलोभन के माध्यम से मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही थी, जो कि निष्पक्ष चुनाव के सिद्धांतों के खिलाफ है।
यह कार्रवाई न केवल गुजरात में, बल्कि पूरे देश में चुनावों के दौरान साफ-सफाई और अनुशासन बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करती है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि चुनावी प्रक्रिया को स्वस्थ और निष्पक्ष बनाने के लिए आयोग किस हद तक सजग और सक्रिय है।
इस कार्रवाई के परिणामस्वरूप, गुजरात में चुनावी माहौल में एक सकारात्मक बदलाव आया है। चुनाव आयोग के इन प्रयासों को जनता की व्यापक समर्थन मिला है, जिससे चुनावी प्रक्रिया में अधिक विश्वास और सामाजिक सहमति बढ़ी है।