बिहार के राजनीतिक गलियारों में इन दिनों एक नया विवाद उभर कर आया है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव द्वारा अपनी बेटी रोहिणी आचार्य को सारण से लोकसभा का टिकट दिए जाने की खबरों पर बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने तीखी आलोचना की थी। इस पर नेता प्रतिपक्ष और रोहिणी के भाई तेजस्वी यादव ने कड़ा पलटवार किया है।
तेजस्वी ने दिया कड़ा जवाब
तेजस्वी यादव ने बयान दिया कि नारी शक्ति और बिहार की बेटी के प्रति विवादास्पद और घृणाप्रद टिप्पणी भाजपा के चरित्र को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि ऐसी सोच न तो हमारे संस्कारों में है और न ही बिहार की संस्कृति में।
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि वे ईश्वर से प्रार्थना करेंगे कि उप मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी को मातृशक्ति का सम्मान करने की सद्बुद्धि आए। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं और बिहारवासियों से आग्रह किया कि वे ‘बेटी वंदना’ के साथ अपने हर काम की शुरुआत करें।
समाज में बेटी वंदना की महत्वता
‘बेटी वंदना’ का संदेश न केवल बिहार बल्कि पूरे देश में एक नई सोच की शुरुआत करता है। यह अभियान नारी शक्ति के सम्मान को बढ़ावा देने के साथ-साथ समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक नजरिया विकसित करने की दिशा में एक कदम है। तेजस्वी यादव का यह कदम न केवल एक राजनीतिक संदेश है बल्कि यह समाज के हर वर्ग को बेटियों की अहमियत समझाने की एक पहल है।
इस पूरे विवाद में अहम बात यह है कि राजनीतिक आलोचना और प्रतिक्रिया के बीच, बेटी वंदना का संदेश समाज के हर कोने तक पहुंचना चाहिए। बेटियों को सम्मान देना, उन्हें शिक्षित करना और उन्हें समाज में बराबरी का दर्जा प्रदान करना हम सभी की जिम्मेदारी है।
आगे की राह
बिहार में बेटी वंदना अभियान की शुरुआत एक नयी उम्मीद की किरण लेकर आई है। तेजस्वी यादव की इस पहल से उम्मीद है कि समाज में बेटियों के प्रति नजरिया बदलेगा और वे भी समाज के हर क्षेत्र में बराबरी के साथ आगे बढ़ सकेंगी। यह समय है कि हम सभी इस अभियान का समर्थन करें और बेटी वंदना के साथ अपने हर काम की शुरुआत करें।