नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कृषि, शिक्षा, और स्वास्थ्य – तीन क्षेत्रों में तकनीक की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। उन्होंने अपनी सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की चर्चा की।
फिलांथ्रोपिस्ट और माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स के साथ एक बातचीत में, मोदी ने कहा कि उन्होंने दुनिया में डिजिटल विभाजन के बारे में सुना था और निर्णय लिया था कि वे इसे भारत में नहीं होने देंगे।
तकनीक का विस्तार
प्रधानमंत्री ने बताया कि वह सर्विकल कैंसर पर स्थानीय अनुसंधान के लिए वैज्ञानिकों को धन आवंटित करना चाहते हैं ताकि न्यूनतम लागत पर वैक्सीन विकसित की जा सके। उन्होंने कहा कि उनकी नई सरकार विशेष रूप से सभी लड़कियों के लिए टीकाकरण सुनिश्चित करने का काम करेगी।
कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में तकनीकी हस्तक्षेप के माध्यम से, प्रधानमंत्री मोदी ने इन क्षेत्रों में सुधार के लिए एक नई दिशा प्रस्तुत की। उनका मानना है कि तकनीक से इन क्षेत्रों में अभूतपूर्व परिवर्तन संभव है।
मोदी ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत उन्नत तकनीकी समाधानों को अपनाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता की भी चर्चा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि तकनीक के माध्यम से शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुलभ बनाया जा सकता है।
इस बातचीत में एक और महत्वपूर्ण विषय था गरीबी उन्मूलन और विकास। मोदी और गेट्स ने तकनीकी समाधानों के माध्यम से इस दिशा में काम करने के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने तकनीक को एक पुल के रूप में देखा, जो विकास और समृद्धि की ओर ले जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि तकनीकी नवाचार से भारत को वैश्विक मंच पर मजबूत स्थिति में लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार इस दिशा में काम कर रही है ताकि भारत तकनीकी विकास में अग्रणी बन सके।
अंत में, प्रधानमंत्री मोदी और बिल गेट्स की यह बातचीत भारत में तकनीकी प्रगति और विकास के नए आयामों को उजागर करती है। यह संवाद न केवल भविष्य की दिशा को दर्शाता है बल्कि एक ऐसे भारत की कल्पना करता है जहां तकनीक हर नागरिक के जीवन को सुधारने के लिए काम करती है।