माले: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुईज्जु ने आरोप लगाया है कि उनके पूर्ववर्ती, राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, “एक विदेशी दूतावास” के आदेशों पर काम करते थे।
मुईज्जु ने हालांकि किसी देश या राजनयिक का नाम नहीं लिया। राष्ट्रपति ने यह आरोप तब लगाया जब उनसे सार्वजनिक सेवा मीडिया (पीएसएम) के साथ एक साक्षात्कार में हाल ही में सैन्य ड्रोन की खरीदारी के संबंध में विपक्ष से आलोचना के बारे में पूछा गया था। साक्षात्कार स्थानीय समय के अनुसार गुरुवार रात को प्रसारित किया गया था।
संसदीय चुनावों से पहले, मुख्य विपक्षी दल, मालदीवी डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी), ने मुईज्जु पर विभिन्न मुद्दों पर हमले तेज कर दिए हैं।
मालदीव में राजनीतिक उथल-पुथल
मालदीव के राजनीतिक दृश्य में ताजा विवादों के केंद्र में राष्ट्रपति मोहम्मद मुईज्जु का यह आरोप है। उन्होंने विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब में यह बयान दिया। उनका कहना है कि पूर्व राष्ट्रपति सोलिह विदेशी प्रभावों के तहत कार्य कर रहे थे, जिससे देश की संप्रभुता पर प्रश्नचिन्ह लगता है।
राष्ट्रपति मुईज्जु के इस आरोप ने राजनीतिक वातावरण को और भी गरमा दिया है। विपक्षी दल, एमडीपी, ने इसे एक राजनीतिक स्टंट के रूप में खारिज करते हुए कहा है कि मुईज्जु अपनी सरकार की विफलताओं से ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं।
इस पूरे मामले में सामने आया है कि मालदीव में विदेशी प्रभाव एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है। विपक्ष और सत्तारूढ़ पार्टी के बीच इस बहस ने दिखाया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता अब भी मुख्य चिंताओं में से एक हैं।
राष्ट्रपति मुईज्जु की टिप्पणियां और विपक्ष के उत्तर ने मालदीव की राजनीति में गहरी विभाजन रेखाओं को उजागर किया है। इस पूरे घटनाक्रम ने देश में चल रही राजनीतिक बहस को एक नई दिशा दी है, जहाँ विदेशी प्रभाव और राष्ट्रीय सुरक्षा मुख्य मुद्दे के रूप में सामने आए हैं।