नई दिल्ली (नेहा): लोकसभा चुनाव की तैयारियां अपने चरम पर हैं, जहां विभिन्न राजनीतिक दल अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर रहे हैं। इस बार भोजपुरी सिनेमा के कई मशहूर चेहरे भी राजनीतिक अखाड़े में कूद पड़े हैं। मनोज तिवारी, रवि किशन और दिनेश लाल यादव जैसे नाम पहले से ही राजनीति में अपनी जगह बना चुके हैं।
हालांकि, इस बार की खासियत नवादा से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में गुंजन सिंह का चुनाव मैदान में उतरना है। गुंजन सिंह भोजपुरी सिनेमा के जाने-माने चेहरे हैं, जिन्होंने राजनीतिक दलों की अनदेखी के बावजूद नवादा से अपनी दावेदारी पेश की है। दूसरी ओर, पवन सिंह, जिन्हें भाजपा ने आसनसोल से टिकट दिया था, ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया, जिससे सभी की निगाहें उनके अगले कदम पर टिक गई हैं।
भोजपुरी कलाकारों का राजनीतिक अखाड़े में आगमन न सिर्फ राजनीति बल्कि मनोरंजन जगत के लिए भी एक दिलचस्प मोड़ है। उनकी पहले की छवि और उनके फिल्मी करियर के प्रदर्शन का उनके राजनीतिक सफर पर कितना प्रभाव पड़ेगा, यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है। विशेषज्ञों का मानना है कि उनकी फिल्मी छवि और उनके कार्यों का उनके राजनीतिक भविष्य पर गहरा असर पड़ सकता है।
इस चुनावी सीजन में, जहां एक ओर नए चेहरे अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कर रहे हैं, वहीं कई पुराने खिलाड़ी भी अपनी जगह बनाने की कोशिश में हैं। भोजपुरी कलाकारों का यह राजनीतिक प्रवेश न केवल उनके लिए बल्कि राजनीतिक दलों और मतदाताओं के लिए भी एक नई चुनौती पेश करता है।