दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री, राजकुमार आनंद ने हाल ही में एक चौंकाने वाला फैसला लेते हुए अपने मंत्री पद और आम आदमी पार्टी (AAP) से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के पीछे के कारणों पर बात करते हुए, आनंद ने कहा, “मुझे किसी भी पक्ष से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है।”
भ्रष्टाचार से जूझती आम आदमी पार्टी
आनंद ने अपने भावुक बयान में जिक्र किया कि आम आदमी पार्टी, जिसकी नींव भ्रष्टाचार के खिलाफ एक आंदोलन के रूप में रखी गई थी, अब खुद भ्रष्टाचार के दलदल में फंस चुकी है। “मैं आज बहुत व्यथित हूँ। राजनीति बदलेगी तो देश बदलेगा,” उन्होंने कहा।
समर्पण का आह्वान
राजकुमार आनंद ने आगे कहा, “मेरे लिए इस सरकार में काम करना असहज हो गया है। मैं इन भ्रष्ट आचरणों से अपना नाम नहीं जोड़वाना चाहता।” उनका यह निर्णय उस समय आया जब दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया शराब नीति मामले में जेल में हैं।
दलित समुदाय की उपेक्षा
आनंद ने दलित समुदाय के प्रति AAP के रवैये पर भी प्रकाश डाला, उन्होंने बताया कि पार्टी में दलित विधायकों और पार्षदों को कोई सम्मान नहीं मिलता। “दलितों के लिए काम न कर पाने की स्थिति में पार्टी में रहने का कोई मतलब नहीं है,” उन्होंने कहा।
इस घटनाक्रम से दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ आया है। राजकुमार आनंद का यह कदम राजनीतिक परिवेश में बड़े बदलाव की ओर इशारा करता है। उनके इस्तीफे से न केवल आम आदमी पार्टी के भीतर बल्कि दिल्ली की राजनीति में भी कई सवाल खड़े हो गए हैं।