श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को सुरक्षा बलों और एक लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) आतंकवादी के बीच हुई मुठभेड़ में एक आतंकी मारा गया। पुलिस के अनुसार, यह घटना जम्मू-कश्मीर में तीन महीने से अधिक समय बाद हुई पहली मुठभेड़ है।
सुरक्षा बलों ने दक्षिण कश्मीर के राजपोरा इलाके के फ्रेसिपोरा गाँव में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना पर घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया।
एलईटी का खात्मा
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि सुरक्षा बलों को फ्रेसिपोरा गाँव में कुछ संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिली थी, जिसके बाद वहाँ ऑपरेशन चलाया गया। इस दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका जवाब सुरक्षा बलों ने भी मुठभेड़ के रूप में दिया।
यह एनकाउंटर उन चुनौतियों की एक झलक प्रस्तुत करता है जिनका सामना सुरक्षा बलों को घाटी में निरंतर करना पड़ता है। इस ऑपरेशन की सफलता ने न केवल एक खतरनाक आतंकवादी को निष्क्रिय किया, बल्कि यह भी दिखाया कि सुरक्षा बल कितने सजग और प्रतिबद्ध हैं।
इस मुठभेड़ की विशेषता यह थी कि यह तीन महीने के अंतराल के बाद हुई। पिछली बार जब यहाँ पर कोई बड़ी मुठभेड़ हुई थी, तब भी सुरक्षा बलों ने अपनी कुशलता और रणनीति का परिचय दिया था।
पुलवामा जिले में सुरक्षा स्थिति अब भी कठिन है और सुरक्षा बलों को लगातार अपनी विधियों में नवीनता लाने की आवश्यकता है। आतंकवाद के खिलाफ यह लड़ाई जितनी जटिल है, उतनी ही आवश्यक भी है, क्योंकि यह घाटी के शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
इस तरह के ऑपरेशन से न केवल आतंकवादियों के मनोबल पर असर पड़ता है, बल्कि सामान्य नागरिकों में भी एक विश्वास जगता है कि सुरक्षा बल उनकी रक्षा के लिए सदैव तत्पर हैं।