केरल (नेहा): भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि केरल की सत्तारूढ़ CPI(M) और विपक्षी कांग्रेस का पारंपरिक वोट बेस “पूरी तरह से ढह गया” है। उनका आरोप है कि यह स्थिति एक विशेष अल्पसंख्यक समुदाय को खुश करने की राजनीति के कारण आई है, जिसे वे अपनी राजनीतिक जीत के लिए जरूरी समझते थे।
प्रकाश जावड़ेकर, जो भाजपा के केरल प्रभारी हैं, ने एक साक्षात्कार में यह आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस-नेतृत्व वाली UDF और CPI(M)-नेतृत्व वाली LDF ने चुनावी रणनीति के तौर पर विकास की अजेंडा को दरकिनार करते हुए, विशेष रूप से इस अल्पसंख्यक समुदाय के मुद्दों को तरजीह दी। जावड़ेकर ने आरोप लगाया कि दोनों प्रमुख दलों का ध्यान CAA और फिलिस्तीन जैसे मुद्दों पर केंद्रित था, जबकि राज्य की प्राथमिक आवश्यकता विकास के एजेंडे को प्राथमिकता देना चाहिए था। उन्होंने दावा किया कि समाज के अन्य वर्ग, जो इन दोनों पार्टियों की रीढ़ माने जाते थे, उनसे “बहुत ज्यादा नाराज” हैं।
प्रकाश जावड़ेकर के मुताबिक, इस स्थिति की वजह से आम मतदाता भी इन पार्टियों से खासे निराश हैं, और इसका असर आने वाले चुनावी परिणामों पर स्पष्ट रूप से देखने को मिल सकता है। जावड़ेकर की मानें तो यह वोट बेस का ढहना न केवल इन दो प्रमुख राजनीतिक दलों के लिए बल्कि केरल की राजनीतिक स्थिरता के लिए भी बड़ी चुनौती है।