ठाणे (नेहा): महाराष्ट्र के ठाणे जिले में विशेष महाराष्ट्र नियंत्रण आयोजित अपराध अधिनियम (मोका) अदालत ने गुरुवार को छह पुरुषों को, जो कि गैंगस्टर रवि पुजारी से जुड़े हुए थे, हत्या के प्रयास और जबरन वसूली के एक मामले में बरी कर दिया। यह मामला पिछले 16 वर्षों से चल रहा था।
विशेष न्यायाधीश एएन सिरसीकर ने अपने 1 अप्रैल के आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित करने में विफल रहा। अदालत ने उनकी रिहाई का आदेश दिया और उनकी आजादी की घोषणा की। यह फैसला शुक्रवार को जारी किया गया था। इस मामले में, जो कि वर्ष 2006 में दर्ज किया गया था, रवि पुजारी गिरोह के छह सदस्यों पर हत्या के प्रयास और जबरन वसूली के प्रयास के लिए मुकदमा चलाया गया था। लंबे समय तक चली सुनवाई के बाद, अदालत ने आखिरकार उन्हें निर्दोष माना।
बता दें कि न्यायाधीश सिरसीकर ने अपने निर्णय में उल्लेख किया कि अभियोजन पक्ष ने इन आरोपों को साबित करने में अपनी विफलता स्वीकार की। अभियोजन के गवाहों की गवाही में कई विसंगतियां और असंगतियां पाई गईं, जिसके कारण अदालत को यह निर्णय लेने की जरूरत पड़ी।