शिमला: हिमाचल प्रदेश पुलिस की तीन महिला कर्मियों ने लिंगभेद की धारणाओं को तोड़ते हुए, पुरुष प्रधान बगुल वादकों के क्षेत्र में अपनी जगह बनाई है। यह राज्य के लिए पहली बार है कि महिला कर्मियों को ‘लेडी बगुलर्स’ के रूप में प्रशिक्षित किया गया है, जो सम्मान की पहरेदारी और अन्य समारोहों में अपनी सेवाएं देंगी।
महत्वपूर्ण भूमिका
बगुल वादक पुलिस बल में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि उनके बगुल की आवाज समारोहों, परेड और अन्य आधिकारिक इवेंट्स के दौरान महत्वपूर्ण संकेत के रूप में कार्य करती है। इस प्रशिक्षण के साथ, ये महिलाएं न केवल अपनी व्यक्तिगत प्रगति कर रही हैं, बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक उदाहरण भी स्थापित कर रही हैं।
शनिवार को जारी एक बयान के अनुसार, इस पहल का मकसद महिलाओं को अधिक सशक्त बनाना और उन्हें पुलिस बल में उच्च पदों पर तैनाती दिलाना है। यह प्रयास न केवल लिंग समानता की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे पारंपरिक रूढ़ियों को तोड़कर नई राहें बनाई जा सकती हैं।
इस पहल की सफलता ने अन्य राज्यों के पुलिस विभागों के लिए भी एक मिसाल कायम की है। अब और भी कई राज्य इसी तरह की पहल को अपनाने की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं, जिससे अधिक महिलाओं को इस तरह के प्रतिष्ठित और पारंपरिक रूप से पुरुषों के दबदबे वाले क्षेत्रों में प्रवेश करने का अवसर मिल सके।
यह नवाचार न केवल पुलिस बल में, बल्कि समाज के व्यापक ढांचे में भी महिला सशक्तिकरण का एक उदाहरण बन गया है। यह दर्शाता है कि प्रगतिशील नीतियां और नवाचार से कैसे समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है।