नई दिल्ली: “अगर मैं इसे (नूब) कहता हूं, तो आप इसे किसी विशेष व्यक्ति के लिए मान लेंगे,” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गेमर्स के साथ एक संवाद के दौरान कहा। उन्होंने गेमिंग उद्योग से संबंधित कुछ शब्दावली जैसे कि “नूब” और “ग्राइंड” के बारे में जानकारी प्राप्त की।
प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर मीमों की बाढ़ ला दी, और सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं ने इस अवसर को विपक्ष को चिढ़ाने के लिए उपयोग किया, जिससे एक राजनीतिक दंगल की स्थिति बन गई।
ई-गेमिंग उद्योग के समक्ष चुनौतियां
प्रधानमंत्री के साथ ई-गेमिंग उद्योग के भविष्य और चुनौतियों पर एक मुक्त चर्चा के दौरान, भारत के शीर्ष ऑनलाइन गेमर्स ने उद्योग में प्रयुक्त कुछ शब्दावली जैसे कि “नूब” और “ग्राइंड” पर चर्चा की।
इस चर्चा के माध्यम से प्रधानमंत्री ने गेमिंग उद्योग के प्रति अपनी समझ दर्शाई और इसे भारतीय युवाओं के लिए एक अवसर के रूप में पहचाना। उन्होंने गेमिंग के शैक्षिक पहलुओं पर भी प्रकाश डाला, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि गेमिंग केवल मनोरंजन नहीं बल्कि शिक्षण का भी एक साधन हो सकता है।
सोशल मीडिया पर उनकी टिप्पणी के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों ने इसे अपने-अपने तरीके से लिया। जहां भाजपा ने इसे विपक्ष के खिलाफ एक हथियार के रूप में उपयोग किया, वहीं विपक्ष ने प्रधानमंत्री पर अपरिपक्वता का आरोप लगाया।
इस घटनाक्रम ने न केवल राजनीतिक समुदाय में बल्कि युवाओं और गेमिंग समुदाय में भी व्यापक चर्चा की लहरें पैदा कर दी हैं। प्रधानमंत्री का यह कथन भारतीय राजनीति में नए संवाद के आरम्भ का संकेत है, जहां गेमिंग जैसे आधुनिक और वैश्विक परिदृश्यों का समावेश हो रहा है।
अंततः, यह घटना भारतीय राजनीति में नई तकनीकी और सांस्कृतिक दिशाओं का प्रतिनिधित्व करती है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारतीय समाज और उसकी राजनीति वैश्विक दृष्टिकोण के अनुरूप ढल रही है।