नई दिल्ली (हेमा): कल यानी कि साल 2024 की 19 तारीख को भारत के 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लोकसभा चुनाव 2024 का पहला चरण शुरू हो रहा है। इस पहले चरण में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर मतदान होना है। इसके साथ ही अरुणाचल और सिक्किम की 92 विधानसभा क्षेत्रों के लिए भी मतदान होने जा रहा है। वहीं दूसरे चरण के तहत 26 अप्रैल को 89, तीसरे चरण के तहत 7 मई को 94, चौथे चरण के तहत 13 मई को 96, पांचवें चरण के तहत 20 मई को 49, छठे चरण के तहत 25 मई को 57 और सातवें चरण के तहत 1 जून को लोकसभा की 57 सीटों पर मतदान होगा। नतीजों की घोषणा 4 जून को होगी।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2019 में पहले चरण में कुल 91 सीटों के लिए मतदान कराए गए थे। इनमें से 31 सीटें भाजपा के खाते में गई थीं। वहीं, कांग्रेस के महज 9 उम्मीदवार जीतने में सफल रहे थे। इसके अलावा 51 सीटों पर अन्य दलों ने कब्जा जमाया था। रिपोर्ट के मुताबिक, 19 अप्रैल को उत्तर प्रदेश की 8, राजस्थान की 13, मध्य प्रदेश की 6, असम की 5, बिहार की 4, महाराष्ट्र की 5, जम्मू-कश्मीर और छत्तीसगढ़ की 1-1, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश की 2-2, त्रिपुरा की 1, उत्तराखंड की 6, तमिलनाडु की 39, पश्चिम बंगाल की 3, सिक्किम, नगालैंड, अंडमान और निकोबार, मिजोरम, पुडुचेरी, मणिपुर और लक्षद्वीप में मतदान होगा।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जिन 1,618 उम्मीदवारों ने अपने हलफनामे दाखिल किए हैं, उनमें से 16% यानी 252 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। यह आंकड़ा चिंता का विषय है क्योंकि यह दिखाता है कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों का राजनीति में प्रवेश जारी है। इसके अलावा, इनमें से 450 उम्मीदवार यानी 28% करोड़पति हैं। यह स्थिति यह दर्शाती है कि राजनीति में धनी व्यक्तियों का प्रभाव काफी हद तक बढ़ रहा है। इन उम्मीदवारों में से 10 ने अपनी संपत्ति शून्य बताई है, जबकि तीन के पास मात्र 300 से 500 रुपए की संपत्ति है।
मतदान की तैयारियाँ पूरी हो चुकी हैं और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। चुनाव आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि वे बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा लें और लोकतंत्र के इस महापर्व में अपनी आवाज को मजबूती से प्रस्तुत करें। मतदान के दिन सभी मतदान केंद्रों पर सख्त व्यवस्था की गई है। सुरक्षा के मद्देनजर, पुलिस और सुरक्षा बलों की अतिरिक्त टुकड़ियाँ तैनात की गई हैं। इसके अलावा, मतदान केंद्रों पर स्वच्छता और स्वास्थ्य संबंधी सभी आवश्यक उपाय किए गए हैं ताकि मतदाता सुरक्षित रूप से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।
मतदान से पहले की गई विभिन्न सर्वेक्षणों के अनुसार, जनता के मुद्दे बदल गए हैं। रोजगार की समस्या, महंगाई, शिक्षा का स्तर, और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार इस बार के चुनावी मुद्दे हैं। उम्मीदवारों और दलों ने इन मुद्दों को अपने चुनावी मेनिफेस्टो में प्रमुखता से शामिल किया है। अंत में, इस चुनाव के नतीजे न केवल यह तय करेंगे कि कौन सी पार्टी सत्ता में आएगी, बल्कि यह भी निर्धारित करेंगे कि आने वाले वर्षों में भारत की राजनीतिक और आर्थिक दिशा क्या होगी।