मुंबई (हेमा): महाराष्ट्र की रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा सीट से आगामी चुनावों के लिए भाजपा ने अपने प्रमुख चेहरे नारायण राणे को चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया है। राणे, जो कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं, वर्तमान में केंद्रीय मंत्री हैं और उनका राजनीतिक अनुभव इस सीट पर भाजपा की जीत सुनिश्चित कर सकता है।
विपक्षी महाविकास अघाड़ी, जिसमें कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी शामिल हैं, अब तक इस सीट से कोई उम्मीदवार नहीं उतार पाई है। इस देरी की वजह से भाजपा को अपने प्रचार में बढ़त मिली है। इस समय इस सीट पर उद्धव गुट के विनायक राउत विधायक हैं, जिनके सामने राणे की उम्मीदवारी एक बड़ी चुनौती प्रस्तुत करती है।
इस क्षेत्र की जनता की नजर में राणे का राजनीतिक और विकास के प्रति समर्पण काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने अपने पिछले कार्यकालों में क्षेत्र के विकास के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। यह उनके चुनावी अभियान का मुख्य आधार भी होगा। विपक्षी गठबंधन की ओर से अभी तक उम्मीदवार न उतारे जाने की स्थिति उनके लिए नुकसानदायक सिद्ध हो सकती है। इससे उनकी रणनीति पर सवाल उठते हैं और यह उनके समर्थकों में असमंजस की स्थिति उत्पन्न कर सकता है।