मुजफ्फरपुर की अदालत ने वीआईपी पार्टी के सुप्रीमो मुकेश सहनी, नेता संतोष निषाद और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इन पर आपराधिक मुकदमा दर्ज करते हुए अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने आरोप लगाया है कि इन्होंने भारत सार्थक पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘नाव छाप’ का दुरुपयोग किया है। ओझा ने इस पर गंभीरता दिखाते हुए मुकेश सहनी की पार्टी के रजिस्ट्रेशन रद्द करने की मांग की है।
तेजस्वी यादव पर बढ़ता दबाव
पूर्णिया में तेजस्वी यादव की एक रैली से ठीक पहले, राजद को बड़ा झटका लगा है। राजद के जिला उपाध्यक्ष धीरेंद्र कुमार यादव सहित छह अधिक नेताओं और सौ कार्यकर्ताओं ने पार्टी को छोड़ दिया है। इस घटना से पार्टी के चुनावी अभियान पर बुरा असर पड़ने की संभावना है, जिससे पार्टी में हलचल मच गई है।
इसी बीच, भागलपुर से राजद के पूर्व सांसद बुलो मंडल ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है और जदयू में शामिल हो गए हैं। उनका यह कदम पार्टी द्वारा उन्हें टिकट न दिए जाने की निराशा के कारण उठाया गया है। उन्होंने जदयू की सदस्यता ग्रहण करने के बाद कहा कि उनकी नई पार्टी उन्हें उचित सम्मान देगी और उनकी योग्यता का सही उपयोग करेगी।
आगामी चुनावों की पूर्व संध्या पर इन घटनाओं ने राजनीतिक स्थिति को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पर अब अपनी पार्टी को स्थिर करने और चुनावी अभियान को पुनः पटरी पर लाने की जिम्मेदारी है। उनके सामने यह चुनौती बड़ी होती जा रही है क्योंकि उनकी पार्टी के कई वरिष्ठ सदस्य और समर्थक उनसे दूर हो रहे हैं।
इन घटनाओं की पृष्ठभूमि में, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ये राजनीतिक दलों के भीतरी संघर्ष और नेताओं की अपनी महत्वाकांक्षाओं के चलते हो रहे हैं। अंततः ये घटनाएँ चुनाव परिणामों पर भी प्रभाव डाल सकती हैं।