अमृतसर (उपासना): आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर अगले माह से नामांकन सहित सभी प्रारंभिक चुनावी प्रक्रियाएं शुरू होने जा रही हैं। इस बीच, शिक्षा और अन्य सरकारी विभागों के कर्मचारियों को चुनावी ड्यूटी के लिए चयनित किया जाना शुरू हो गया है। ड्यूटी से बचने के लिए कर्मचारियों की तरफ से आने वाली सिफारिशों की बाढ़ से आरओ और एआरओ के लिए समस्याएं खड़ी हो गई हैं।
विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में बनाए गए 1676 मतदान केंद्रों पर चुनावी ड्यूटी के लिए 1676 बीएलओकी आवश्यकता है। इनमें सबसे ज्यादा बीएलओ की जरूरत राजासांसी क्षेत्र में है, जहां 222 अधिकारी चाहिए तो वहीं अमृतसर सेंट्रल में सबसे कम 135 बीएलओ की जरूरत है। अगर किसी बूथ पर अचानक कर्मियों की संख्या बढ़ाने की जरूरत पड़ी या कोई बीएलओ आकस्मिक परिस्थितियों में छुट्टी पर है, तो अतिरिक्त कर्मियों की जरूरत पड़ती है।
एक ओर जहां वोट देने के लिए जनजागरूकता अभियान जोरों पर है, वहीं कई कर्मचारी चुनाव ड्यूटी से दूरी बनाने के लिए विभिन्न तरकीबें अपना रहे हैं। बीमारी, बच्चों के स्कूल जाने के बहाने और अन्य पारिवारिक समस्याएं ये सभी कारण बनते जा रहे हैं जिन्हें आधार बनाकर कर्मचारी ड्यूटी से मुक्ति पाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में यह प्रवृत्ति अगर जारी रही तो चुनाव को सुचारू रूप से संपन्न कराने में निश्चित तौर पर अड़चनें उत्पन्न होंगी