नई दिल्ली (हेमा)- सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम पर सवाल उठाने और बैलेट पेपर से मतदान करने की मांग वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं। EVM-VVPAT मिलान वाली याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी पर्चियों का मिलान नहीं किया जा सकता है। इसी तरह सर्वोच्च अदालत ने EVM के स्थान पर बैलेट पेपर से मतदान कराने की याचिका भी खारिज कर दी।
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से मतदान के बाद निकलने वाली हर VVPAT स्लिप का मिलान करने की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने यह अहम फैसला सुनाया है। इसके साथ ही चुनावी प्रक्रिया को लेकर उठ रहे तमाम सवाल खत्म हो गए हैं। अदालत ने लंबी चली सुनवाई के बाद बुधवार को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।
अर्जियों पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा था कि क्या EVM में पड़े वोटों और उससे निकलने वाली सारी VVPAT स्लिप का मिलान हो सकता है। इस पर चुनाव आयोग ने नकारात्मक राय दी थी और कहा था कि यदि ऐसा किया जाएगा तो फिर नतीजा आने में 12 दिन तक का वक्त लग सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने EVM से ही वोटिंग जारी रहने का फैसला दिया है, लेकिन यह भी कहा कि चुुनाव में दूसरे या तीसरे नंबर पर रहने वाला कोई कैंडिडेट 5 फीसदी EVM की जांच करा सकता है। इसकी जांच में आने वाला खर्च शिकायत करने वाले उम्मीदवार को ही उठाना होगा।
अदालत ने यह भी कहा है कि मतदान के बाद कम से कम 45 दिनों तक VVPAT स्लिप को सुरक्षित रखना होगा। ऐसा इसलिए ताकि किसी तरह के विवाद की स्थिति में EVM में पड़े वोटों के साथ उसका मिलान किया जा सके।