नई दिल्ली (उपासना): दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनाव के दौरान फैलाए जा रहे डीपफेक वीडियोज़ के मामले में बड़ा निर्णय लेते हुए सारी जिम्मेदारी चुनाव आयोग को सौंप दी है। इस निर्णय के दौरान, अदालत ने स्पष्ट किया कि चुनाव के बीच में वह किसी भी तरह के निर्देश नहीं दे सकती।
अदालत ने यह भी जोर दिया कि चुनाव आयोग को इस प्रकार की समस्याओं का समाधान करने का पूर्ण अधिकार है और उन्हें इस मुद्दे पर उचित कदम उठाने चाहिए। एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन सिंह की अगुवाई में सुनवाई होते हुए, उन्होंने कहा कि अदालत को चुनाव आयोग पर पूरा विश्वास है और वह इस मामले को उन्हीं के हवाले कर रहे हैं।
यह मामला तब और भी गंभीर हो गया जब गृह मंत्री अमित शाह के नाम से जारी एक फेक वीडियो के बाद इस मामले की FIR दिल्ली पुलिस में दर्ज की गई थी। इसके अलावा, तेलंगाना के मुख्यमंत्री समेत कई बड़े नेताओं को इस मामले में पूछताछ के लिए समन भेजे गए थे।
हाईकोर्ट ने संगठन से कहा कि वे चुनाव आयोग के पास जाएं और अपना पक्ष रखें, जिससे कि आयोग इस पर विचार कर सके और उचित निर्णय ले सके। चुनाव आयोग ने 6 मई तक इस मुद्दे पर निर्णय लेने की बात कही है।