नई दिल्ली (उपासना)- कल भारत के लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण दिन होगा जब देश के 11 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की 93 सीटों पर मतदान होने वाला है। यह तीसरे चरण का मतदान है, जिसमें कुल 1352 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
मध्य प्रदेश में, जहां ‘मामा’, ‘महाराज’ और ‘राजा’ जैसे उपनामों से पहचाने जाने वाले राजनीतिक दिग्गजों की किस्मत दांव पर है, वहीं महाराष्ट्र में ननद-भौजाई की जोड़ी भी मैदान में है। इन राज्यों की राजनीतिक रणनीति और उम्मीदवारों की गुणवत्ता का इस चरण में परीक्षण होगा।
इस चरण में महत्वपूर्ण घटनाएँ भी हैं, जैसे कि मध्य प्रदेश की बैतूल सीट पर मतदान, जो कि बसपा प्रत्याशी के निधन के कारण दूसरे चरण से तीसरे चरण के लिए टाल दिया गया था। इसके अलावा, गुजरात की सूरत सीट पर भाजपा के प्रत्याशी मुकेश दलाल के निर्विरोध निर्वाचित होने की वजह से मतदान की आवश्यकता नहीं पड़ी।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के अनुसार, इस चरण में 244 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं और 392 उम्मीदवारों के पास एक करोड़ या उससे अधिक की संपत्ति है। इससे इस बात का पता चलता है कि राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में संपत्ति और व्यक्तिगत छवि का महत्व कितना अधिक है।