नई दिल्ली (हेमा): एस्ट्राजेनेका द्वारा डेवलप कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर मचे बवाल के बीच नया अपडेट सामने आया है। दिग्गज दवा निर्माता कंपनी अब दुनियाभर से अपने टीके को वापस ले रही है।
बता दें कि कुछ दिनों पहले ही फर्मास्यूटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने एक कोर्ट में वैक्सीन के खतरनाक साइड इफेक्ट की बात स्वीकार की थी। इसके बाद कंपनी की ओर से यह कदम उठाया गया है। हालांकि, कंपनी का कहना है कि साइड इफेक्ट विवाद और वैक्सीन को वापस लेने की प्रक्रिया इत्तेफाक है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एस्ट्राजेनेका ने वैक्सीन वापस लेने के बारे में भी जानकारी दी है।
बता दें की 50 से ज्यादा लोगों ने एस्ट्राजेनेका की ओर से विकसित कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन वेक्सजेव्रिया को लेकर सवाल उठाए गए थे। हालांकि, कंपनी का कहना है कि वेक्सजेव्रिया वैक्सीन का साइड इफेक्ट रेयर है। रिपोर्ट के अनुसार, साइड इफेक्ट को लेकर मच बवाल के बाद एस्ट्राजेनेका की ओर से वैक्सीन को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
वीएचपी व जैन मुनियों ने अजमेर के ‘अढ़ाई दिन का झोपड़ा’ में मंदिर व संस्कृत स्कूल होने का किया दावा
अजमेर (उपासना): मध्यकाल में बनी देश की कई मस्जिदों में मंदिर होने के दावों के बीच राजस्थान के अजमेर में स्थित ‘अढाई दिन का झोपड़ा’ को लेकर भी ऐसा ही एक दावा सामने आया है। मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद के नेताओं के साथ जैन संत सुनील सागर महाराज के नेतृत्व में कुछ जैन साधु इस ASI (भारतीय पुरातत्व विभाग) द्वारा संरक्षित मस्जिद में पहुंचे और उन्होंने दावा करते हुए कहा कि यह इमारत पहले एक संस्कृत स्कूल था और स्कूल से पहले वहां एक जैन मन्दिर मौजूद था।
इस बारे में जानकारी देते हुए अजमेर नगर निगम के उप-महापौर नीरज जैन ने कहा कि जैन संत का मानना है कि वहां संस्कृत विद्यालय से पहले वहां एक जैन मंदिर था।उप-महापौर ने कहा कि ‘कुछ वक्त पहले हमने यह मांग की थी कि स्मारक क…