मुंबई: बॉलीवुड के प्रमुख मनोरंजनकर्ता और १९९० के दशक के लोकप्रिय अभिनेता गोविंदा ने गुरुवार को मुंबई में शिवसेना के साथ जुड़कर १४ वर्षों के लंबे अंतराल के बाद राजनीति में अपनी वापसी की है।
गोविंदा की शानदार वापसी
अपने दशकों लंबे करियर में अनेक सुपरहिट फिल्में देने वाले गोविंदा ने २००४ में चुनावी राजनीति में एक ब्लॉकबस्टर प्रवेश किया था। उस वर्ष, “हीरो नं. १” के अभिनेता ने, कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में, मुंबई उत्तर लोकसभा सीट में बीजेपी के दिग्गज राम नाईक को हराकर “जायंट किलर” के रूप में उभरे थे।
पूर्व कांग्रेस लोकसभा सांसद ने चुनावी मौसम के समय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में शिवसेना में शामिल हो गए।
गोविंदा का नया अध्याय
१९९० के दशक में अपनी उत्कृष्ट कॉमिक टाइमिंग और डांस स्टेप्स के लिए जाने जाने वाले गोविंदा ने इस प्रकार १४ साल बाद राजनीति में अपनी वापसी की है। उनकी यह वापसी न केवल उनके प्रशंसकों के लिए बल्कि राजनीतिक जगत के लिए भी एक बड़ी खबर है।
इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि गोविंदा अब अपने राजनीतिक करियर को नई दिशा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनका शिवसेना में शामिल होना उनके नए राजनीतिक सफर की शुरुआत को दर्शाता है।
गोविंदा की इस राजनीतिक वापसी को देखते हुए, यह आगामी चुनावी मौसम में शिवसेना के लिए एक बड़ा बूस्ट माना जा सकता है। उनकी लोकप्रियता और अपील निश्चित रूप से पार्टी के लिए लाभकारी सिद्ध होगी।
गोविंदा के आगे के कदम
इस नई शुरुआत के साथ, गोविंदा न केवल अपने राजनीतिक करियर को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का प्रयास करेंगे, बल्कि महाराष्ट्र और उससे परे के लोगों की सेवा करने के नए अवसरों की तलाश भी करेंगे।
उनका यह कदम न सिर्फ उनके लिए, बल्कि उनके समर्थकों और शिवसेना के लिए भी एक नए युग की शुरुआत को चिह्नित करता है। गोविंदा की इस वापसी से राजनीतिक परिदृश्य में नई ऊर्जा का संचार होगा।
अंततः, गोविंदा की राजनीति में वापसी न केवल उनके लिए एक नई शुरुआत है बल्कि यह महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया अध्याय भी है। उनके अनुभव और लोकप्रियता उन्हें और उनकी पार्टी को आने वाले समय में महत्वपूर्ण लाभ पहुंचा सकते हैं।