जालंधर (नेहा): एक साल से शंभू और खनौरी सीमाओं पर जमे किसानों को पंजाब पुलिस ने हटा दिया है। पूरी योजना के साथ पंजाब पुलिस ने बुधवार को शंभू और खनौरी सीमाओं पर विरोध स्थलों को खाली करा दिया और बैरिकेड्स, वाहनों और अस्थायी ढांचों को हटा दिया। इसके साथ ही माना जा रहा है आज से राजमार्ग भी खुल जाएगा। अब किसानों की आगे की रणनीति क्या होगा यह देखना होगा। क्योंकि किसान नेता गुरमनीत सिंह मंगत ने मीडिया को बताया कि सरवण सिंह पंधेर और जगजीत सिंह दल्लेवाल सहित कई किसान नेताओं को मोहाली में उस समय हिरासत में लिया गया है और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को बुधवार देर रात डेढ़ बजे जालंधर के पिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पिछले 13 माह से धरने पर बैठे किसानों को पंजाब की भगवंत मान सरकार ने बड़े सुनियोजित ढंग से हटाते हुए दोनों मोर्चों पर बुलडोजर चलवा दिया। मान सरकार ने केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसानों की बैठक के अवसर को ‘मोर्चा हटाओ अभियान’ के लिए चुना।
बुधवार को दिन में केंद्रीय मंत्रियों के साथ संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) की चंडीगढ़ में सातवें दौर की बैठक बेनतीजा रहने के बाद पुलिस ने पिछले चार महीनों से अनशन कर रहे जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान नेता सरवण सिंह पंधेर को हिरासत में लिया। जब पुलिस ने डल्लेवाल व पंधेर को हिरासत में लिया तो किसानों में आक्रोश फैल गया। किसानों ने बैरिकेड हटाने की कोशिश की जिससे पुलिस व किसानों में धक्का-मुक्की हुई। बैठक से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पंजाब सरकार के प्रतिनिधियों ने किसानों से यह कहते हुए नेशनल हाइवे खोलने की अपील की कि इससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है और कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है पर किसानों ने बात मानने से इनकार कर दिया। इसके बाद उनसे केवल एक ओर का रास्ता खोलने की अपील की गई, परंतु किसान नहीं माने। बैठक के बाद चंडीगढ़ से शंभू व खनौरी लौट रहे किसानों को पुलिस ने रास्ते में ही पकड़ना शुरू कर दिया। धरने पर बैठे किसानों को पुलिस कार्रवाई की आशंका पहले हो गई थी। सुबह ही बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्रालियों में अपना सामान भरकर घरों को लौट गए।
कुछ महिलाएं व किसान स्वेच्छा से मोर्चे से हट नहीं रहे थे तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया। उसके बाद दोनों मोर्चों पर पुलिस टीम बुलडोजर लेकर पहुंच गई। किसानों के मंचों को ढहा दिया गया। वहां लगाई गई ट्यूबलाइटों व पंखों को हटा दिया, खाने-पीने व सोने के लिए बनाए गए ढांचे गिरा दिए, टीन की चादरें उखाड़ डाली गईं। खनौरी बार्डर रात आठ बजे तक क्लियर कर दिया गया जबकि शंभू बार्डर पर ढांचे हटाने का काम देर रात तक चला। उल्लेखनीय है कि किसानों ने 13 फरवरी, 2024 को शंभू व खनौरी बार्डर पर एक साथ धरना शुरू किया था। किसानों के धरने के कारण हरियाणा पुलिस की ओर से बैरिकेडिंग करके इस रास्ते को बंद कर दिया गया है जिससे लोगों को भारी परेशानी हो रही थी तथा उद्योग-धंधे प्रभावित हो रहे थे। जिस तरह से कार्रवाई हुई है, उससे स्पष्ट कि यह रणनीति केंद्र व पंजाब सरकार के अधिकारियों ने मिलकर तय की है।