बीजिंग (नेहा): चीन ने पलटवार करते हुए 2.6 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के कनाडाई कृषि और खाद्य उत्पादों पर टैरिफ लगाने की शनिवार को घोषणा की। नये टैरिफ 20 मार्च से लागू होंगे। अक्टूबर में ओटावा द्वारा चीनी निर्मित इलेक्टि्रक वाहनों और इस्पात और एल्यूमीनियम उत्पादों पर लगाए गए शुल्कों के जवाब में चीन ने यह कदम उठाया है। मंत्रालय ने बयान में कहा कि चीन कनाडा के रेपसीड तेल, ऑयल केक और मटर के आयात पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाएगा, तथा कनाडा के जलीय उत्पादों और पोर्क पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाएगा। इससे पहले कनाडा ने चीनी इलेक्टि्रक वाहनों पर 100 प्रतिशत टैरिफ तथा उसके एल्युमीनियम और स्टील उत्पादों पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाया था। चीन कनाडा का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। चीन के इस कदम से व्यापार युद्ध में एक नया मोर्चा जुड़ जाएगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा, मैक्सिको और चीन पर टैरिफ की घोषणा के बाद अब कनाडा और चीन के बीच भी व्यापार युद्ध का खतरा मंडराने लगा है। बीजिंग स्थित कनाडाई दूतावास ने इस मामले में अभी टिप्पणी नहीं की है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को भारत की टैरिफ व्यवस्था पर हमला करते हुए कहा कि ”उच्च टैरिफ” के कारण भारत को कुछ भी बेचना लगभग असंभव है। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि भारत अपने टैरिफ में उल्लेखनीय कटौती करने के लिए सहमत हो गया है। कथित तौर पर इसलिए क्योंकि आखिरकार कोई उनके किए की पोल खोल रहा है। व्हाइट हाउस से राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित अपने संबोधन में ट्रंप ने उन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया, जिन्हें उनका प्रशासन जल्द ही लागू करने जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत हम पर भारी शुल्क लगाता है। भारी शुल्क। आप भारत में कुछ भी नहीं बेच सकते। वैसे, वह कटौती के लिए सहमत हो गया है। वह अब अपने शुल्कों में कटौती करना चाहता है, क्योंकि कोई तो उनके किए की पोल खोल रहा है।