थिरुवनंतपुरम (राघव): केरल में मंगलवार देर रात आई लैंडस्लाइड की वजह से 153 लोगों की मौत हो चुकी है। इस त्रासदी का मुद्दा देश को दोनों सदनों में भी उठा। मंगलवार को केरल में दो दिनों के लिए राजकीय शोक की घोषणा की गई है। बुधवार को भी राहत-बचाव कार्य जारी है। प्रभावित इलाकों में डॉक्टरों की टीम मौजूद है, जो घायलों का इलाज कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, भूस्खलन के बाद मुंडक्कई और चूरलमाला इलाकों में 180 से अधिक लोग लापता हैं और 300 से ज्यादा मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। भूस्खलन की घटनाएं मंगलवार को तड़के दो बजे से चार बजे के बीच हुईं, जिससे अपने घरों में सो रहे लोगों को बचने का मौका नहीं मिल पाया।
वायनाड भूस्खलन पर लोकसभा सांसद वीडी सतीशन ने कहा, “पहली प्राथमिकता बचाव कार्य करना है। सेना और एनडीआरएफ बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। हमें और लोगों के हताहत होने की आशंका है। अभी घरों को फिर से बनाने में समय लगेगा। उन्होंने आगे कहा कि स्थानीय विधायक और पंचायतें पूरा सहयोग दे रही हैं। हमने सरकार से मांग की है कि सभी विस्थापित लोगों को घर का किराया दिया जाए क्योंकि उनके पास अब घर नहीं है। हम कल सर्वदलीय बैठक में इन सभी मुद्दों को उठाएंगे। हम इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार के साथ हैं। वायनाड भूस्खलन त्रासदी में मरने वालों की संख्या 153 हो चुकी है। पैरा रेजिमेंटल ट्रेनिंग सेंटर के कमांडेंट ब्रिगेडियर अर्जुन सीगन ने कहा कि एनडीआरएफ , सेना, राज्य पुलिस, वन अधिकारियों और स्वयंसेवकों के 500 से 600 कर्मी बुधवार को बचाव अभियान चला रहे हैं ।