नई दिल्ली (राघव): संसद में सोमवार को 1971 के बांग्लादेश युद्ध के बाद पाकिस्तान के आत्मसमर्पण को दर्शाने वाली फोटो को हटाने को लेकर काफी विवाद हुआ। कांग्रेस ने कहा कि विजय दिवस पर सेना के मुख्यालय से ये तस्वीर उतारना गलत है। अब विवाद गहराने के बाद इसपर भारतीय सेना की प्रतिक्रिया आई है। कांग्रेस के सवालों का जवाब देते हुए भारतीय सेना ने कहा है कि तस्वीर को सबसे उपयुक्त स्थान पर रखा गया है। सेना ने कहा कि उसे मानेकशॉ सेंटर में रखा गया, जिसका नाम 1971 के युद्ध के नायक और फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के नाम पर रखा गया है। सेना ने कहा कि यह स्थापना कल विजय दिवस के अवसर पर की गई थी, जो 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत के 43 साल पूरे होने का प्रतीक है जिसके कारण बांग्लादेश का जन्म हुआ।
सेना ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “विजय दिवस के अवसर पर चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने AWWA की अध्यक्ष सुनीता द्विवेदी के साथ मिलकर पाक के सरेंडर की फोटो को इसके सबसे उपयुक्त स्थान मानेकशॉ सेंटर में स्थापित किया। इस अवसर पर भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी और सेवारत अधिकारी मौजूद थे।” इससे पहले, बीते दिन कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने लोकसभा में इस मुद्दे को उठाया था। प्रियंका ने 1971 के युद्ध में भारतीय सेना की भूमिका को याद किया और कहा कि पाकिस्तान के आत्मसमर्पण की प्रतिष्ठित तस्वीर सेना मुख्यालय से हटा दी गई है। तस्वीर में आत्मसमर्पण के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करते हुए भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा और पाकिस्तानी सेना के तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी के अलावा कई अन्य शीर्ष सेना अधिकारी हैं।