उलानबटार (नेहा):रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज आधिकारिक यात्रा पर मंगोलिया पहुंचे हैं। पुतिन की ये यात्रा सोवियत-मंगोलिया सैनिकों की जापान पर संयुक्त जीत की 85वीं वर्षगांठ के चलते हो रही है। मंगोलिया पहुंचते ही पुतिन की गिरफ्तारी की मांग तेजी हो गई है, जिसपर पूरी दुनिया की निगाहें भी टिकी हैं। यूक्रेन ने भी पुतिन की गिरफ्तारी की बात कही है। दरअसल, ये मांग इसलिए हो रही है क्योंकि इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने पुतिन की गिरफ्तारी का वारंट जारी किया हुआ है और मंगोलिया इस कोर्ट का सदस्य देश है। पिछले साल पुतिन की गिरफ्तारी का वारंट जारी होने के बाद इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) के किसी सदस्य से उनकी यह पहली मुलाकात थी।
कोर्ट ने युद्ध अपराध के लिए ये वारंट जारी किया है। कोर्ट का मानना है कि रूस ने जानबूझकर यूक्रेन के रिहायशी इलाकों को भी निशाना बनाया है। बता दें कि इस हाई-प्रोफाइल यात्रा के कारण उलानबटार में पुतिन के उतरने के बाद उनको गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसे इंटरनेशनल कोर्ट और पश्चिमी देश के साथ अधिकार समूहों की अवहेलना के रूप में देखा जा रहा है। रूसी नेता हेग स्थित अदालत में यूक्रेनी बच्चों के कथित अवैध निर्वासन के लिए वांछित हैं, क्योंकि रूसी सैनिकों ने 2022 में देश पर आक्रमण किया था।
यूक्रेन ने पुतिन की इस यात्रा पर रोष व्यक्त किया है। यूक्रेन ने इसी के साथ मंगोलिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो जो कर रहा है उसका सीधा मतलब यही है कि वो पुतिन का “युद्ध अपराधों” में साथ दे रहा है, क्योंकि उसने पुतिन को हवाई अड्डे पर हिरासत में नहीं लिया। वारंट के अनुसार, पुतिन को गिरफ्तार करना मंगोलिया की जिम्मेदारी है। दूसरी ओर मंगोलिया की सरकार ने पुतिन को गिरफ्तार करने की कॉल पर कोई टिप्पणी नहीं की है। राष्ट्रपति उखनागीन खुरेलसुख के एक प्रवक्ता ने सोशल मीडिया पर उन खबरों का खंडन किया कि आईसीसी ने एक पत्र भेजकर उनसे उनके दौरे पर वारंट पर अमल करने के लिए कहा था।