नई दिल्ली (एनआरआई मीडिया): सुनहरी फसलों और जोशीले भांगड़े की धरती पंजाब में एक स्वास्थ्य क्रांति जन्म ले रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्र की भाजपा सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के बल पर पंजाब एक ऐसे भविष्य की ओर बढ़ रहा है, जहां स्वास्थ्य कोई विशेषाधिकार नहीं बल्कि एक अधिकार होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हर वायदे धीरे-धीरे हकीकत बनता जा रहे हैं।
अस्पताल का एक भी बिल आम लोगों की वित्तीय स्थिति को हिला सकता था, लेकिन अब आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY), जिसे पंजाब में सरबत सेहत बीमा योजना (SSBY) के नाम से जाना जाता है, ने इस स्थिति को बदल दिया है। मोदी सरकार द्वार वर्ष 2019 में शुरू हुई इस योजना ने अब तक पंजाब की 70 प्रतिशत आबादी यानी 45.86 लाख परिवारों को शामिल किया है जो 5 लाख तक का वार्षिक मुफ्त इलाज प्रदान करती है। पंजाब से लेकर गुड़गांव तक, 450 से अधिक पैनल वाले अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा उपलब्ध है। हालांकि जागरूकता की कमी और अस्पतालों पर अधिक बोझ जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं, फिर भी PM-JAY गरीबों के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो रही है। यह सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि लाखों परिवारों के लिए एक जीवनरेखा है।
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) पंजाब के स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला रही है। AIIMS बठिंडा, जिसे वर्ष 2014 में 925 करोड़ की लागत से मंज़ूरी मिली थी, में वर्ष 2021 में शुरू हो गया। आज यह अस्पताल पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के 50 लाख लोगों के लिए जीवनदायिनी बन चुका है। वर्ष 2026 तक AIIMS बठिंडा पूरी तरह से विकसित सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बन जाएगा, जिससे मरीजों को चंडीगढ़ या दिल्ली जाने की जरूरत नहीं होगी। अमृतसर और पटियाला के सरकारी मेडिकल कॉलेजों को 150 करोड़ की राशि से अपग्रेड किया जा रहा है, जिससे हर वर्ष 300-400 नई MBBS सीटें जोड़ी जा रही हैं। यह विकास कैंसर, डायबिटीज और हृदय रोगों जैसी गंभीर बीमारियों के बढ़ते बोझ को कम करने में मदद करेगा। खासकर मालवा क्षेत्र, जिसे स्वास्थ्य सेवाओं में हमेशा पीछे रखा गया, वहां AIIMS बठिंडा एक नई उम्मीद बनकर उभरा है।
नेशनल हेल्थ मिशन पंजाब के गांव-गांव में चुपचाप ला रहा बदलाव
जहां आयुष्मान भारत और PMSSY सुर्खियां बटोरते हैं, वहीं नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) गांव-गांव में चुपचाप बदलाव ला रहा है। NHM के तहत उप-स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को मजबूत किया जा रहा है, जिससे मुफ्त इलाज, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल, डायग्नोस्टिक सेवाएं और आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत मुफ्त डिलीवरी, सी-सेक्शन और नवजात शिशु देखभाल सेवाएं ग्रामीण क्षेत्रों में माताओं और बच्चों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही हैं। भले ही यह योजना ज्यादा चर्चा में न आए, लेकिन यह एक मजबूत और समावेशी स्वास्थ्य प्रणाली की रीढ़ है।
होमी भाभा कैंसर अस्पताल और रिसर्च सेंटर (मोहाली) राष्ट्र को समर्पित
पंजाब और आसपास के राज्यों में विश्व स्तरीय कैंसर इलाज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से, प्रधानमंत्री ने ‘होमी भाभा कैंसर अस्पताल और रिसर्च सेंटर’ को नए चंडीगढ़ (मोहाली) में राष्ट्र को समर्पित किया। करीब 660 करोड़ की लागत से टाटा मेमोरियल सेंटर द्वारा निर्मित यह 300 बिस्तरों वाला Tertiary देखभाल अस्पताल कैंसर के सभी प्रकार के इलाज, सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सुविधाएं प्रदान करता है। यह संगरूर में 100 बिस्तरों वाले अस्पताल के साथ मिलकर इस क्षेत्र में कैंसर इलाज का एक हब बनेगा।
मोदी सरकार की योजनाएं जा रही है पंजाब में स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा बदलाव
पंजाब की आबादी 70 प्रतिशत PMSSY के तहत बीमित, AIIMS बठिंडा में 925 करोड़ का निवेश और हर साल सैकड़ों नए डॉक्टरों की ट्रेनिंग, ये आंकड़े बताते हैं कि केंद्र की मोदी सरकार की योजनाओं के चलते पंजाब में स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा बदलाव आ रहा है। लेकिन अभी भी कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं। PM-JAY के बारे में जागरूकता की कमी, ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की भारी कमी और AIIMS बठिंडा का पूर्ण रूप से विकसित होने में कुछ और सालों का समय लगेगा।