नई दिल्ली (राघव): बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के कुख्यात आतंकवादी मेहल सिंह बब्बर की 24 मार्च को पाकिस्तान के ननकाना साहिब में मौत हो गई। मेहल सिंह 1990 से एक घोषित अपराधी था और 1980 के दशक में अमृतसर, जालंधर और फरीदकोट जिलों में उग्रवाद से संबंधित गतिविधियों के लिए वांटेड था। वह ननकाना साहिब के एक निजी अस्पताल में गुर्दे की बीमारी के कारण भर्ती था, जहां उसका इलाज चल रहा था। हाल ही में, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मेहल सिंह बब्बर पर पाकिस्तान से भारत में हथियारों की तस्करी करने और गैंगस्टरों के साथ मिलकर आतंकी साजिशें रचने का आरोप लगाया था।
सूत्रों के मुताबिक, मेहल सिंह बब्बर भारतीय वायु सेना का पूर्व अधिकारी था। मेहल सिंह बब्बर 1980 के दशक में पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहा था और 1990 से भारत में घोषित अपराधी था। अमृतसर, जालंधर और फरीदकोट जिलों में उसके खिलाफ कई मामले दर्ज थे। वह 1990 के दशक की शुरुआत में पाकिस्तान चला गया था और 2003 में फ्रांस भी गया था।
मेहल सिंह बब्बर, बब्बर खालसा के संस्थापक प्रमुख सुखदेव सिंह बब्बर का भाई था, जिसे 1992 में मुठभेड़ में मार गिराया गया था। मेहल सिंह की पत्नी गुरदेव कौर अमृतसर में रहती हैं। 1980 के दशक के अंत में, पंजाब पुलिस द्वारा आतंकवादियों और संदिग्ध आतंकवादियों के परिजनों पर कार्रवाई के दौरान, गुरदेव कौर और अन्य महिलाओं को कथित रूप से तत्कालीन बटाला एसएसपी गोबिंद राम ने हिरासत में लिया था। इस घटना के विरोध में तत्कालीन अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी दर्शन सिंह रागी ने बटाला पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन का ऐलान किया था। बाद में गोबिंद राम की बम धमाके में हत्या हो गई थी। मेहल सिंह बब्बर की मौत से आतंकवादी संगठनों से जुड़े मामलों की जांच कर रही एजेंसियों की नजर अब उनके नेटवर्क पर टिकी हुई है।