नई दिल्ली(नेहा): भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्ते शेख हसीना सरकार के जाने के बाद इस वक्त अब तक के सबसे निचले स्तर पर हैं। बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस की सरकार लगातार भारत विरोधी बयान दे रही है। शायद इसी चीज का खामियाजा बांग्लादेश को भुगतना भी पड़ रहा है। ऐसा लगता है कि केवल दिल्ली और ढाका के राजनयिक रिश्ते ही नहीं, दोनों देशों के लोगों के बीच संबंध में भी कुछ खटास आ गई है। ऐसा दावा हम नहीं कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच ट्रैवल के ताजा आंकड़े इसी ओर इशारा कर रहे हैं। बांग्लादेश ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक दोनों देशों के बीच एयर ट्रैवल के डाटा बताते हैं कि इसमें 70 प्रतिशत की गिरावट आई है।
दोनों देशों के बीच एयर ट्रैवल पर काम कर रही एयरलाइंस कंपनियों की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि वो इन रूटों पर परिचालन कम करने पर विचार कर रहे हैं. यह कहना गलत नहीं होगा कि मोहम्मद यूनुस की सरकार से देश संभल ही नहीं रहा है। हालांकि बांग्लादेश का कहना है कि इसके पीछे एक वजह शेख हसीना सरकार के जाने के बाद वीजा सेवाओं का निलंबित होना है। बांग्लादेश के लोग भारत चाह कर भी नहीं आ पा रहे हैं। भारत ने इन सेवाओं को फिर बहाल तो कर दिया था लेकिन सरकार अब केवल मेडिकल ग्राउंड और स्टूडेंट वीजा ही बांग्लादेश के लोगों के लिए जारी कर रही है।
हिंसक प्रदर्शन के बीच भारत सरकर ने पहले अपने लोगों को बांग्लादेश नहीं जाने की सलाह दी थी। बांग्लादेश में हालात भले ही काबू में आ गए हों लेकिन मौजूदा माहौल में भारत के लोगों की बांग्लादेश जाने में ज्यादा दिलचस्पी नजर नहीं आती है। बांग्लादेश के लोग यहां टूरिस्ट वीजा पर आ नहीं सकते और भारतीय लोग वहां जाना नहीं चाहते। ऐसे में बांग्लादेश को इससे आर्थिक नुकसान होना तय है।