बागपत (राघव): असारा गांव में प्रेम प्रसंग में हुए चौहरे हत्याकांड के नौ दोषी व्यक्तियों को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। एडीजीसी अशोक सैनी व वादी अधिवक्ता बिक्रम खोखर के मुताबिक ग्राम असारा निवासी मोहम्मद नसीम ने 12 अगस्त 2012 को रमाला थाने में मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि उनका परिवार 11 अगस्त की रात में अपने घर में सोया हुआ था।
आरोप है कि पड़ोस के शकील, अब्बास, इलियास, शौकीन और एक अज्ञात युवक ने घर में घुसकर उनकी भाभी आठ माह की गर्भवती साजिदा को गोली मारकर घायल किया था। गोली की आवाज सुनते ही परिवार के सदस्य जाग गए थे। बचाव करने पर आरोपितों ने उनके भाई इकलाख उर्फ काला, बहन गुलशाना और मां शबीला पर धारदार हथियार से प्रहार किया और गोली मारी। पड़ोस में टावर के केबिन में सो रहे उनके पिता अबलू हसन को गोलियों से भून दिया। पिता और बहन गुलशाना की मौके पर ही मौत हो गई।
अगले दिन मेरठ के अस्पताल में भाभी साजिदा और मां शबीला की मौत हो गई। पुलिस ने नामजद आरोपित शकील, अब्बास, इलियास, जाफर, शौकीन तथा प्रकाश में आए मोहर्रम व सलीम निवासी ग्राम हरसौली (मुजफ्फरनगर) तथा रणधीरा उर्फ रमजान व उसके बेटे दीपक उर्फ नसीब निवासी समालखा जनपद पानीपत (हरियाणा) के विरुद्ध कार्रवाई कर अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। पत्रावली एडीजे चतुर्थ की अदालत में विचाराधीन है। वादी समेत 17 गवाहों की गवाही हुई है। अदालत ने दो सितंबर को सभी आरोपितों को दोषी करार दिया था। गुरुवर को अदालत ने आरोपितों को उम्रकैद की सजा सुनाई तथा प्रत्येक को 25-25 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।