छिंदवाड़ा (नेहा): मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बिछुआ विकासखंड की बीईओ (ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर) रजनी आगामे को रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों काबू किया है। बीईओ के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच शुरू कर दी गई है। जानकारी के मुताबिक धनेगांव के छात्रावास अधीक्षक रमेश पराडकर ने लोकायुक्त में शिकायत की थी कि आदिवासी विभाग की बीईओ रजनी आगामे बिछुआ विकासखंड के 12 छात्रावास अधीक्षकों से रिश्वत मांग रही थीं। रजनी आगामे ने इनसे 50 सीटर छात्रावास के लिए 3,000 रुपए प्रतिमाह और 100 सीटर छात्रावास के लिए 6,000 रुपए प्रतिमाह के हिसाब से सितंबर और अक्टूबर माह की कुल 96,000 रुपए की रिश्वत मांगी थी।
रिश्वत की मांग का रिकॉर्ड छात्रावास अधीक्षकों ने लोकायुक्त टीम को उपलब्ध कराया था। इसके बाद लोकायुक्त ने इसे रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई। बीईओ रजनी आगामे ने रिश्वत की पहली किश्त के रूप में 31,000 रुपए लेने की सहमति दी थी। जब वह बिछुआ में यह रकम ले रही थी तभी लोकायुक्त की टीम मौके पर पहुंची और उसे रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। रजनी आगामे के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 की धारा-7 के तहत मामला दर्ज किया गया है। लोकायुक्त की इस कार्रवाई के बाद पूरे जिले में हड़कंप मच गया है और प्रशासन में सख्त रुख अपनाने की मांग की जा रही है। अंत में बता दें कि यह घटना सरकारी अधिकारियों द्वारा की जाने वाली भ्रष्टाचार की एक बड़ी मिसाल पेश करती है। लोकायुक्त की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं ताकि सार्वजनिक सेवाओं में पारदर्शिता और ईमानदारी बढ़ाई जा सके।