मुजफ्फरपुर (राघव): बिहार में पीएम किसान सम्मान निधि की बड़ी राशि अपात्र लाभुकों के खाते में जा रही है। जांच में यह बात सामने आई है कि 13 लाख से अधिक ऐसे अपात्रों के खाते में राशि भेजी जा रही है। प्रतिवर्ष एक किसान को छह हजार रुपये के हिसाब से देखा जाए तो यह राशि करीब 780 करोड़ रुपये हो जाती है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के पत्र के बाद कृषि विभाग सचेत हो गया है। कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने राज्य के सभी जिलों के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर लाभुकों का भौतिक सत्यापन कराने को कहा है, ताकि अपात्र के खाते में जा रही राशि को रोका जा सके।
कृषि सचिव ने डीएम को जारी पत्र में लिखा है कि पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ परिवार के एक व्यक्ति को ही दिया जाना है। वहीं जन वितरण प्रणाली अंतर्गत लाभ ले रहे लाभार्थियों के राशन कार्ड से लिंक आधार से वन-टू-वन मिलान करने पर पाया गया कि परिवार के एक से अधिक व्यक्ति इस योजना का लाभ ले रहे हैं। राज्य में 53 लाख 10 हजार 72 ऐसे राशनकार्डधारी हैं। इन राशन कार्ड से जुड़े परिवार के 66 लाख 59 हजार 871 व्यक्ति प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे हैं। इनके खाते में प्रतिवर्ष तीन-तीन किस्तों में दो-दो हजार यानी कुल छह हजार रुपये भेजे जा रहे हैं। यह नियम के विरुद्ध हो रहा है।
कृषि सचिव की ओर से भेजे गए आंकड़े के अनुसार, ऐसे अपात्रों की संख्या मुजफ्फरपुर और पूर्वी चंपारण में अधिक है। मुजफ्फरपुर में तीन लाख छह हजार 707 परिवारों के तीन लाख 63 हजार 119 व्यक्ति यह लाभ ले रहे हैं। इस तरह से यहां करीब 57 हजार अपात्रों के खाते में राशि जा रही है।