बेगूसराय (राघव): बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक मुश्किल में फंसते दिख रहे हैं। बेगूसराय की एक अदालत ने राष्ट्रगान के अपमान के आरोप में उनके खिलाफ एक परिवारवाद पत्र पर संज्ञान लिया है। अदालत ने उन्हें नोटिस भी जारी किया है। अधिवक्ता विकास पासवान ने सीएम नीतीश कुमार पर राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप लगाया है। उन्होंने 22 मार्च को न्यायालय में एक शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने यह कदम उठाया है।
बलिया थाना के भगतपुर के रहने वाले अधिवक्ता विकास पासवान ने यह शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 की धारा-3 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। उनका आरोप है कि सीएम नीतीश कुमार ने राष्ट्रगान का अपमान किया है। परिवादी विकास पासवान का कहना है कि उन्हें 20 मार्च 2025 को दोपहर पौने दो बजे एक वीडियो देखने को मिला। यह वीडियो कई मीडिया समूहों में प्रसारित हुआ था। इस वीडियो में राष्ट्रगान का अपमान किया गया था।
विकास पासवान के अनुसार, प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रगान बज रहा था। उस दौरान सीएम नीतीश कुमार अपने साथ खड़े व्यक्ति से बात कर रहे थे। वह व्यक्ति को बार-बार छूकर परेशान भी कर रहे थे। इसके साथ ही, वह हंसते हुए प्रणाम की मुद्रा में दिखाई दे रहे थे। जबकि उस समय राष्ट्रगान चल रहा था। यह मुकदमा 22 मार्च को न्यायालय में परिवाद पत्र संख्या 321/2025 के तहत दर्ज कराया गया है। इस मामले में वादी के अधिवक्ता अमित कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा राष्ट्रगान के अपमान को लेकर कोर्ट में बहस हुई। न्यायालय ने मामले को गंभीरता से लिया है। दर्ज परिवाद की धारा में अधिकतम 3 साल की सजा का प्रावधान है। वादी अधिवक्ता विकास पासवान ने कहा कि मीडिया में देखने के बाद उन्हें बहुत दुख हुआ कि मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक मंच पर राष्ट्रगान का अपमान किया। उन्होंने दूसरे को भी राष्ट्रगान के दौरान रोकने का प्रयास किया। इसी से आहत होकर उन्होंने मुकदमा दर्ज कराया है। उन्होंने न्यायालय से उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। स्वतंत्रता सेनानी के पुत्र और वरिष्ठ अधिवक्ता विजय महाराज ने भी इस मामले पर अपनी राय दी है। उन्होंने कहा कि उन्होंने भी यह वीडियो देखा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के गौरव को इस प्रकार से अपमानित किया गया, यह निंदनीय है।