पटना (नेहा): गरीबों, वंचितों, महिलाओं के साथ युवा पीढ़ी के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रतिबद्धता समय-समय पर स्पष्ट होती रही है। अपनी प्रगति यात्रा के क्रम में भी वे इन वर्गों के उत्थान के लिए निरंतर प्रयासरत रहने का वादा करते रहे हैं। इससे स्पष्ट हो जाता है कि इस बार के बजट में समाज कल्याण सरकार की प्राथमिकता में होगा। विधान मंडल में सोमवार यानी आज नए वित्तीय वर्ष (2025-26) का बजट प्रस्तुत होना है, जिस पर चुनावी वर्ष की एक छाप तो होगी ही। बजट में उन क्षेत्रों पर विशेष फोकस होगा, जिनसे जनता का प्रत्यक्ष वास्ता है। नौकरी-रोजगार के साथ सड़क व दूसरी आधारभूत संरचना के निर्माण, ग्रामीण विकास, कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए सरकार की ओर से विशेष पहल हो सकती है। पिछले वर्षों में इन्हीं प्रयासों से बिहार आगे बढ़ा है, जिसे इस बार और गति दी जाएगी। गरीब व असहाय वर्गों के कल्याण मद में आवंटन कुछ बढ़ेगा। इसी के साथ महिलाओं के लिए भी अतिरिक्त घोषणा हो सकती है। इन जन-हितैषी पहल के साथ स्थापना व प्रतिबद्ध मद में बढ़ते खर्च के कारण नए वित्तीय वर्ष का बजट 3.15 लाख करोड़ के निकट हो सकता है।
चालू वित्तीय वर्ष (2024-25) का बजट 2.78 लाख करोड़ का रहा है। वित्त विभाग का दायित्व संभाल रहे उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के लिए बजट प्रस्तुत करने का यह दूसरा अवसर होगा। अपने अभिभाषण में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां यह पहले ही बता चुके हैं कि 10 लाख नौकरी के लक्ष्य को बढ़ाकर सरकार 12 लाख कर चुकी है। इसके अलावा रोजगार के दूसरे तरीकों से 34 लाख युवाओं को कमाऊ बना दिया जाना है। ऐसे में वेतन और अनुदान मद में आवंटन का बढ़ना स्वाभाविक है। अभी तक नौ लाख नौकरियां दी जा चुकी हैं। नए सरकारी सेवकों के वेतन के लिए वार्षिक तौर पर लगभग 12000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन बढ़ना है। अभी शिक्षा विभाग सहित दूसरे विभागों में लगभग 80 हजार पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही। बहुत संभव है कि बजट में उसकी घोषणा हो।
प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने दर्जनों सड़कों और पुल-पुलिया के निर्माण की घोषणा की है। इस कारण पथ निर्माण विभाग के साथ ग्रामीण कार्य विभाग के बजट में वृद्धि तय है। केंद्र की उड़ान योजना के साथ राज्य सरकार अपने स्तर से भी हर जिले में चौबीसों घंटे लैंडिंग वाले हेलीपैड बनाने की घोषणा कर सकती है। व्यापारियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम और कृषि आधारित व्यवसाय में कर पर छूट की घोषणा भी संभावित है। किसानों को सस्ती बिजली निर्बाध मिलती रहेगी और सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि बढ़ सकती है। जीविका दीदियों के साथ अनुसूचित जाति-जनजाति की महिलाओं के लिए विशेष प्रविधान भी होना है। सरकार की कृपा उन 94 लाख निर्धन परिवारों पर तो होनी ही है, जिन्हें दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जानी है। इस बार बजट में इसके लिए कुछ आवंटन संभव है।