पटना (राघव): मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को एक अणे मार्ग से 534 मोबाइल पशु चिकित्सा वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। राज्य के सभी प्रखंडों में एक-एक मोबाइल पशु चिकित्सा वाहन की व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था के तहत एक फोन पर बीमार पशुओं के इलाज के लिए पशु चिकित्सक पशुपालकों के घर तक पहुंचेंगे। पूरी व्यवस्था कॉल सेंटर के माध्यम से संचालित होगी।
पशुपालकों को अब अपने बीमार पशु को इलाज के लिए पशु चिकित्सालय नहीं लाना होगा। त्वरित गति से पशुपालक के घर पर ही बीमार पशु का इलाज संभव हो सकेगा। पशुओं में संक्रामक रोग फैलने की स्थिति में रोग की त्वरित जांच एवं प्रभावी नियंत्रण संभव हो सकेगा। प्रचार-प्रसार भी होगा। मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई जीपीएस सुविधा युक्त एक वाहन है। इसमें पशु रोगों की पहचान, पशु चिकित्सा एवं लघु सर्जरी, पशुओं के इलाज के लिए आवश्यक दवा तथा कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा उपलब्ध रहेगी। इस पर एक पशु चिकित्सक, एक पशु चिकित्सक सहायक तथा एक परचारी रहेंगे। मोबाइल पशु चिकित्सा वाहन की सुविधा सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक उपलब्ध रहेगी।
मोबाइल चिकित्सा वैन को हरी झंडी दिखाए जाने के मौके पर केंद्रीय पशुपालन व डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री रेणु देवी, मु्ख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ, सचिव अनुपम कुमार व पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव डॉ. एन विजयलक्ष्मी भी मौजूद थीं।